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( ३६२ ) आ. वे धम्म जो महान् आकार वाले हैं (महग्गता)
इ. वे धम्म जो अपरिमेय आकार वाले हैं (अप्पमाणा) १३. अ. वे धम्म (मन की अवस्थाएँ) जिनका आ- (परित्तारम्मणा)
लम्बन अल्प आकार वाला है आ. वे धम्म (मन की अवस्थाएँ जिनका आल- (महग्गतारम्मणा)
म्बन महान् आकार वाला है इ. वे धम्म (मन की अवस्थाएँ) जिनका आल- (अप्पमाणारम्मणा)
म्बन अपरिमेय आकारवाला है १४. अ. हीन धम्म (मन की अवस्थाएँ) (हीना)
आ. मध्यम धम्म (मन की अवस्थाएँ) (मज्झिमा)
इ. उत्तम धम्म (मन की अवस्थाएँ) (पणीता) १५. अ. जो निश्चयपूर्वक बुरे हैं
(मिच्छत्तनियता) आ. जो निश्चयपूर्वक अच्छे हैं
(सम्मत्तनियता) ___इ. जिनका स्वरूप अनिश्चित है
(अनियता) १६. अ. वे धम्म (मन की अवस्थाएँ) जिनका (मग्गारम्मणा)
आलम्बन मार्ग है आ. वे धम्म (मन की अवस्थाएँ) जिनका हेतु (मग्गहेतुका)
मार्ग है इ. वे धम्म (मन की अवस्थाएँ) जिनका मुख्य उद्देश्य ही मार्ग है
(मग्गाधिपतिनो) १७. अ. वे मन की अवस्थाएँ जो उत्पन्न हो चुकी हैं (उप्पन्ना) ____ आ. वे मन की अवस्थाएँ जो अभी उत्पन्न नहीं (अनुप्पन्ना)
इ. वे मन की अवस्थाएं जो भविष्य में पैदा होनेवाली हैं (उप्पादिनो) २८. अ. वे मन की अवस्थाएं जो वीत गई (अतीता)
आ. वे मन की अवस्थाएं जो भविष्य में पैदा (अनागता)
होंगी इ. वे मन की अवस्थाएँ जो अभी हाल पैदा हुई हैं और अभी वर्तमान हैं
(पच्चुप्पन्ना)