Book Title: Pali Sahitya ka Itihas
Author(s): Bharatsinh Upadhyaya
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan Prayag

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Page 698
________________ ( ६७७ ) दीपवंस और महावंस की तुलना देवता-संयुत्त ९९, १६१, १६२, १६३ ५४८, ५५३, ५५४, ५५५-५६० देवदत्त १५१, २७८ दीपवंस और महावंस इतिहास हैं देवदत्त-वग्ग १५६ __ क्या? ५६०-५६४ । देवदत्त-सुत्त १५६, १५७ दीपिका ५५४ देवदह १७७ दीपंकर (बुद्ध) ५६९ देवदह-सुत्त ९७, ९८, १२९ दीपंकर (रुपसिद्धिपकरण के लेखक) द्वेधावितक्क-मुत्त ९४, १२९, १५१, ५७८ १७२ दीपंकर (जिनालंकार के सम्पादक देवम-जातक : देवधम्म-जातक २८८, २९३ ___ सिंहली भिक्षु) ५९१ देवमित्त (मोग्गल्लान-व्याकरण के दीपवंस एण्ड महावंस (गायगर) संपादक, सिंहली भिक्षु) ५९४, दुक ३५९, ३६३ दुक-पट्ठान ४५२, ४५६, ६३९ । देवरक्खित (सिंहली भिक्षु) ५६५, दुक-तिक-पट्ठान ४५६, ६३९ ५९७ दुक-तिक-चतु क-निपात-अंगुत्तर देव स्थविर ३१० ___ अट्ठकथा ६३९ देवशर्मा (स्थविर) ३५३ दुक-निपात १०१, १७८, २३२ देवानं पिय तिस्स ५५१, ५५३, ५५६, दुक-निपात-जातक-अट्ठकथा ६४० ५५८, ५६१, ५७१, ५७३, ६४५ दुःख आर्य-सत्य ४०५, ४३८, ४४२, द्वेष (दोस) ३७४ ४४७ देसना-नियम ३०९ दुःख-निरोध आर्य सत्य १७२, ४०५ । देवासुर-संग्राम १६५ दुःख-समुदय आर्य-सत्य १७२, ४२९ दैववादी १३७ दुःख निरोध गामिनी प्रतिपद् १७२ दो आयतन ४१५ दुःखेन्द्रिय ३९३, ४०० द्रौपदी २९४ दुःख-धातु ४०३ दौर्मनस्य-इन्द्रिय ४०० दुट्ठगामणि (लंकाधिराज) ५५२, ५५३ दौर्मनस्य-धातु ४०३ ५५८, ५५९, ५६१, ५६५, ५७२, ५७२, ५७३, ५७४, ५७६, दुट्ठक २४१ धजग्ग-सुत्त २११ दुतिय परमत्थप्पकासिनी ५३८ धजविदेह २८७ दुतिय-सारत्थमंजूसा ५३८ । धनंजय २८६ दुम्मेध-जातक २८, २९४ धनिय २४० दुमजातक-अट्ठकथा ६४० धनिय गोप २३७ दुर्म ख जातक २८७ धनिय-सुत्त २३७, २५५ दुप्कृत अपराध २२, २१३ धम्मकथिक ६३४ दूभिय-मक्कट जातक ६३५ धम्मकित्ति ५९४ देव (सुभटकूटवण्णना) ५७९ धम्मकित्ति महासामि (धर्मकीर्ति

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