Book Title: Pali Sahitya ka Itihas
Author(s): Bharatsinh Upadhyaya
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan Prayag

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Page 716
________________ ( ६९५ ) मज्झिमेसु पदेसु २१ मज्झिमनिकाय (मज्झिम) २५,२६,८१, ९१, ९३, ९९, १०३, १०७, ११३, १२३, १२७, १३१, १२९, १३०, १४०, १४८-१६०, १६१, १६८, १६९, १७०, १७१, १७२, १८०, १८८, १९४, २७५, २९१, ३०५, ३२१, ३२४, ३३४, ३४०, ३४२, ३५९, ४०३, ४०८, ४३९, ४५५, ४९७, ५००, ५०९, ५१४, ५२४, ५६७, ६२४, ६२९, ६३० मध्य मंडल १८, २१, २४, २६, ३०, ३३, ३४, ३३१, ३३२, ३३८, ५६०, ६१४, ६४४ मज्झिम निकाय की अट्ठकथा की टीका ५३८ मध्य-व्यंजन ३७, ५४, — अंसंयुक्त ५७-६२, -- संयुक्त ६३-६७ मध्यमा प्रतिपदा ( मध्यम मार्ग) ५२२ मध्यमागम ११३, १३३ मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएं ३०, मध्यम मार्ग १४१, १६९ १७३ मध्यकालीन भारतीय आर्य साहित्य ६४४ ܕ: ( मध्यम ( स्थविर ) देखिये 'मज्झिम स्थविर' मधुरत्थ विलासिनी ( बुद्धवंस की अट्ठकथा) ५०४, ५०५,५३१,५७७ मनोविज्ञान १६५, ३४८, ४०३, ४०८ मन आयतन ४०१, ४०२, ४०३ मनोरथपूरणी ४९७, ५१३, ५२४-२६ मनोधातु ४५९, ४३०, ४६१, ३८१. ३८३, ३८४ मत्स्य ( राज्य ) १४५, ५४८ मगधराज १३७, १५७, १६६, २२८ मक्कट जातक २८२ मखादेव जातक २८१, ६३५ .!. मललसेकर (जी० पी०, डा० ). ५८८, ५९८, ५९९, ६१५ मघादेविय जातक ६३५ मक्खल गोमाल १३७, १५९, १७६, ४८०, ४८१ मच्छ जातक ३०० मच्छराज चरियं ३०० मंकुल पर्वत ५२५ मच्छ १४५, १९५ मंगोलिया ३३२, ६४४ मधुरसवाहिनी ५७९ मब्जा ( प्रोम - वरमा) का स्वर्णपत्र लेख ६३४, के वोवोगी अभिलेख ६३७-३८ मनोविज्ञान धातु ३८१, ३८४, ४००, ४०२, ४०४, ४५९ मज्झिम पण्णासक १४८ मनोरथ पूरणी ५७७ मनोरथपूरणी की टीका ५३८ मन १६५, १६०, १६० ३३०, ३३२ ३४८, ४०३, ४०४, ४०६ महानाग ३१० मन्त्रकर्ता ऋषि २९१ मध्यदेश २७७, २८६ मज्झिम- भाणक १९७ मथ सोगि- रित्सु ३११ मनोधातु ४०२, ४०४ मग्गवग्ग २२१, २२४ मज्जे वग्ग २४५ मनसिकार ( मनसिकारी) ३८६ ४१२, ७३४ मणिसार मंजूसा ५४२, ५८० मखादेव - सुत्त ८१, १५५, २७६, २८१ मनसेहर (पेशावर जिला ) १७, २३. ६१८, ६२७. ६३३ मग्ग-संयुत्त १३, १७७ मग्ग-विभंग ३९, ४.८ मल्ल राष्ट्र २८०

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