Book Title: Pali Sahitya ka Itihas
Author(s): Bharatsinh Upadhyaya
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan Prayag

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Page 726
________________ ( ७०५ ) लिंगत्थविवरणपकासनं ५८० लिंगत्थ विवरणटीका ५६९. ६४०, लिच्छवि १४० १७३, १९३२१२, ५२६, ५७१ लिच्छिव गणतन्त्र १६६ लिच्छविपुत्र १४० लिट् लकार ६९ लियोन फियर १६०. ५९६ लीनत्य पकामिनी ५३१, ५३८. ५७८. ५८९. लीनत्वण्णना ५३१ लीनत्थसूदनी ( मदविन्दु की टीका ) ない लुम्बिनी २८६. ५३० लुम्बिनी ग्राम ३२१ लुम्बिनीवन ६२१ लडर्स ( एच. ) १८, ३३. २९१ fa Hai ५२ ५४४ लेवी ( सिलवां ) १९.२२.८६ लोक पञ्चति ६४० लोकपञ्ञनिपकरणं ५८६ लोकप्पदीपमार ( लोकदीपमार ) ५४२. ५८० ५८४, ५९७. ३०९, लोकवग्ग २१५, २१८. २२४ लोकायत ४८१. लोकिया ३६४ लोकपत्ति ५६९ ६४० लोकोत्तर ३७४ ४३१. ४८० ४४१. ५३५ लोकोत्तर विपाक चित्त (ना) ३८३ लोकोत्तर ध्यान ४०७, ४०८ लोकोत्तर भूमि ३७६ लोकोत्तर भूमि के चार कुशल चित्त ३७९ लोकोत्तर धर्म ३५५ लोकोत्तरवादी ४२४ लीनत्थवण्णता ५७८ लोभ ३६५, ३६६. ३६९, ३९२ ४४०४५८, ४३५ लोभमूलक ३९२ ५३६ लोभमूलक आठ अकुशल चित्त ३७९ लोमसकं गिय-भद्देकरन पत्त १८,१५८ लोमहंस जानक ३०१ लोह प्रासाद ५५२. ५५८. ५५९ ५६०, ५६२, ५७३ लोहिच्च १४२ लोहिच्च-सुत्त १०० लौकिक ८३० लौकिक ज्ञान ८१९ लौरिया अरराज ६१९. लौरिया नन्दनगद ३९० बिहार ) लौहित्य १८२ व वचन- व्यत्यय 50 वचनन्थजोतिका ३१६ बच्च वाचक ६१० बच्छगोत-पत्त १००. १६८ वज्रवृद्धि ( विनय टीका के लेखक ) ६३ वज्रा ( वजिरा ) १६२ वज्जि १०४. १४५. १९७ वजिवृद्धि ( अट्ठकथाकार ) ५३३ वजिरबुद्धि नमन्तपासादिकी टीका) ४९८ ५३२ गामणि अभय लङ्काधिपति। ११. ११६. ३२७. ६६७. ४९६ ५५२ वड्ढककर जातक २८७ वर्णनात्मक काव्य ग्रंथ १८४ वथुगाथा २४९ वथ सून १५० वत्स राज्य २८० वनपर्व ५९३ बदरतन मेकर ९३.६० 5

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