Book Title: Pali Sahitya ka Itihas
Author(s): Bharatsinh Upadhyaya
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan Prayag
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शुद्ध
५४०
५४० ५४०
५४२
५५०
५५६
or or or
m.
५६७
५६५
५७२ ५७५ ५७५
( २ ) अशुद्ध विनया, विनिच्छयटीका विनयविनिच्छय-टीका बुद्धदत्त
बुद्धदत्तकृत दाढावंस'
दाठावंस बुद्धघोसुप्पति बुद्धघोसुप्पत्ति ग्रन्थों
ग्रन्थ सातद
सातवें संगति
संगीति समाश्रमणीय
समाश्रयणीय इतिपतन
इमिपतन खुदक
खुद्दक बद्धकोष
बुद्धघोष समन्तयामीदिका समन्तपासादिका २२४६ दाठवंस
दाठावंस गन्वंस
गन्धवंस मुद्दकमाठठ्ठकथा खुद्दकपाठट्ठकथा पमरत्यविनिच्छयं परमत्थविनिच्छयं मुबोवलंकार मुबोवालंकार नवमोग्गलान नवमोग्गल्लान महत्थभेदचित्ताय सइत्थभेदचिन्ताय उन्न
उन्नत विटरनिरत्न विटरनित्ल पणिनीय
पाणिनीय
ग्रन्थ उपकार
उपकारी मोविल
मेबिल विनत्यत्यप्पकरण विभत्यत्थपकरण ल्पकाश्यपसिद्धि रूपसिद्धि विजितावीसे विजितावी सो गजैनितक
राजनैतिक कमोटी पर खरा कमौटो पर उतना खरा
५७७ ५७८ ५७८
५७९
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५८३
५९५
६०१
६११,६१२,६१३ ६१२
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