Book Title: Pali Sahitya ka Itihas
Author(s): Bharatsinh Upadhyaya
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan Prayag
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दस तथागत बल १८२
द्विक ३९६, ४५६, ४५७ दस द्वार ३५५
द्वितीय ध्यान १६६, ३४१, ४०९,. दस-धम्म-सुत्त २११
४१०, ४४३ दस धातुएँ ४०४, ४१७
द्वितीय संगीति ११०, ११८, ३४१,. दसक निपात (अंगुत्तर निकाय) ६२९ ३४८ दस पारमिता २०५, २७३, २९९ दि पालि लिटरेचर ऑव बरमा दसवल १५०, ४३१
देखिये 'पालि लिटरेचर ऑव बरमा दस भावी बुद्ध ५८५
दि पालि लिटरेचर ऑव सिलोन दसरथ जातक २९३, ६३५
देखिए ‘पालि लिटरेचर ऑव सिलोन' दस संयोजन ४३६
दि लॉ ऑव मोरा ४२ दस सिक्खापदं २०७
दि लाइफ एण्ड वर्क ऑव बुद्धघोष दसवत्थु ६४०
(लाहा) ४९९, ५१२, ५१३,. दसुत्तर-सुत्त ९३, १४८, १७९, १८१, ५१३, ५२९, ५६६, ६०१
२१०, ३३४, ३४०, ६२९ दिव्यावदान ६२० दक्षिण देश १३९
दि सैक्ट्स् ऑव दि बुद्धिस्ट्स् ४२२ दक्षिणापथ २८७, ५२४
दि होम ऑव लिटरेरी पालि (ग्रियर्मन दक्षिण-पूर्वी एशिया २९४ __ का लेख) १६ दक्षिण भारत ५५१, ५५२
दीघ-निकाय (दीघ) १०२, १०७, दन्त्य स्पर्श
११३, १२२, १२६, १३२-१४८,. दाठाधातुवंस ६४०, ६४१
१५९, १७९, २०२, २१०, २१३,. दाठाधातुवंस टीका ६४०, ९८१ २७५, ३४०, ३५७, ४९७, ५१५, दाठानाग (संघस्थविर) ५२३, ६०४ ५२४, ५४३, ५६७, ५८६, ६२९, दाठावंस ५४०, ५४८, ५७५, ५७६ ६३२, ६३३, ६३७, ६४९ दानपारमिता २९४, २१९
दीघ निकाय की अट्ठकथा ५१३, ५२३-- दान-यज्ञ १४०
५२४, ५३८ दासक (भिक्ष) ३१०, ३३६, ५६२ दीघनख (परिव्राजक) १५५, १५९ दाक्षिणात्य (प्राकृत) ३१
दीघनख-सुत्त ९६, १५५ दाँते (इतालियन कवि) २९७ दीर्घलम्बक २१२ दि अभिधर्म लिटरेचर ऑव दि सर्वा- दीघसन्द (सेनापति) ५५४
स्तिवादिन्स (तकाकुसु) ३५४ दीर्घ स्थदिर ३१० द्वारका २९४
दीर्घ सुमन ३१० द्वायतानु पस्सना २४१
दीघ-भाणक २०२ दिव्यश्रोत्र ५२१
दीर्घागम ११३ दिङ्नाग ४६४
दीप ३२६, ३२७ दि डैजिगनेशन ऑव हयूमन टाइप्स दीपवंस २, ३, १०४, १०५, १०९,
देखिए 'डैज़िग-नेशन ऑव हयूमन ३५२, ४२२, ४४९, ४९६, ४९९,. टाइप्स'
५००, ५६८, ५६९, ५७०, ५७२ . दिट्ठिसंयुत्त १००
५७३, ५८१, ६२०, ६२४, ६४०

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