Book Title: Pali Sahitya ka Itihas
Author(s): Bharatsinh Upadhyaya
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan Prayag
View full book text
________________
(३)
जैन धर्म १७६ जैन साहित्य २३० जैन सूत्र १८
जौगढ़ (मद्रास राज्य) २६, ५५, ६१८ ६२१, ६२२, ६२३, ६२७
भ
भान विभंग ३९७, ४०९-४१० भान - संयुत्त १००, १०१, १२९, १७१
অ
५८०
जाणाभिवंस (ज्ञानाभिवंश ) संघराज
५४३, ५४४ आणिस्सर (ज्ञानेश्वर, समन्तकूटवण्णना के सिंहली संस्करण के सम्पादक) ५९८
नय्यासन्दति ५८१ अय्यासन्दतिय टीका ५८१ जाणोदय (ज्ञानोदय) ५०७, ५१४, ५२९
ट ट्रांजैक्शन्स ऑव दि एशियाटिक सोसायटी ऑव जापान २०० टीका - साहित्य ५०५, ५३७-५४६ टीकाओं का युग १०९ टलर ( ए० सी० ) ४२१ ट्रेकनर (वी) ४७२ टोपरा (अम्बाला के पास ) ६१८ ड
द
starॉग्स ऑव दि बुद्ध १३१, २८७ डे जॉयसा ५६६, ६१३ जिगनेश ऑव दि ह्यूमन टाइप्स ४१८
ढालके (पॉल, डा० ) १४९
ग
आणदस्सनविसुद्धिनिद्देसो ५२२ जाणविलास (ज्ञानविलास, भिक्षु ) तण्डि ( दण्डी) ६४१
तण्ड-टीका ६४१
६०७ आण - विभंग ४११
जाण सागर (ज्ञान सागर, ग्रन्थकार )
ण्वादि पाट ६०८
त
तकाकुसु (डा०) ३५४, ३५५, ३५६ तक्कोल ४९४
तच्छसूकर जातक २८३ तण्डुलनालि जातक २८७
तण्हा वग्ग २१५, २१९,२२१, २२४
तत्त्वावतार ६४२ तत्त्वावतारटीका ६४२ तत्पापीयसिक ३१९-३२० ततिय सारत्थमंजूसा ५३८ तृतीय संगीति १२३, ३३२, ३४१ तृतीय ध्यान ४०९, ४१० तैत्तिरीय ब्राह्मण १४२ ततिय परमत्थप्पकामिनी ५३८ तथता ४४४
तथागत ११, २५, २६, ३२, ३४, ८०, १०३, १३१, १४०, १४४, १४५, १५०, १५३, १६३, १७०. १७३, १७४, १७५. १८९, २३२, ३३१, ३३२, ३३६, ४३१, ४५४, ४८८. ४८९, ५२३, ५२५, ५७१, ५७३, ५८३, ६२५, ६३६, ६३७, ६४६ तथागत प्रवेदित-धर्म - विनय १४३, १८९, १९३, ३२० तथागतुप्पत्ति ६४० तथागतुप्पत्तिप्पकरणं ५८१ तनोगबुद्धि ६४१ तपस्वी १९४
तपस्सु १८४, ३०३, ३२५ नवपणि दीपं ( ताम्रपर्णी द्वीप-लंका) ८९, ३१०. ५७२, ५७३

Page Navigation
1 ... 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760