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७९. अ. जो स्वयं क्लेश-रूप हैं और वलेशों को पैदा
करने वाले भी है-(किलेसा चेव संकिलेसिका) आ. जो स्वयं क्लेश-रूप नहीं हैं किन्तु क्लेशों को
पैदा करने वाले हैं--(संकिलेसिका चेव नो च किलेसा) ८०. अ. जो स्वयं क्लेश-रूप हैं और अन्य क्लेशों
से युक्त भी हैं-(किलेसा चेव संकिलिट्ठा च) आ. जो स्वयं क्लेश-रूप नहीं हैं किन्तु
___अन्य क्लेशों से युक्त हैं--(संकिलिट्ठा चेव नो च किलेसा) ८१. अ. जो स्वयं क्लेश-रूप हैं और अन्य क्लेशों से ___संलग्न भी हैं-(किलेसा चेव किलेससम्पयुत्ता च) आ. जो स्वयं क्लेश-रूप नहीं हैं किन्तु अन्य
क्लेशों से संलग्न हैं-किलेससम्पयुत्ता चेव नो च किलेसा) ८२. अ. जो स्वयं क्लेश से अलग हैं किन्तु क्लेशों
को पैदा करने वाले हैं-(किलेसविप्पयुत्ता संकिलेसिका) आ. जो स्वयं क्लेश से अलग हैं और क्लेशों को
पैदा करने वाले भी नहीं हैं--(किलेसविप्पयुत्ता असंकिलेसिका) ८३. आ. जो धम्म 'दर्शन' के द्वारा हटाये या नष्ट किये
जा सकते हैं--(दस्सने न पहातब्बा) आ. जो धम्म 'दर्शन' के द्वारा नहीं हटाये या नष्ट
किये जा सकते--(न दस्सनेन पहातब्बा) ८४. अ. जो धम्म 'भावना' के द्वारा हटाये या नष्ट किये जा सकते हैं
(भावनाय पहातब्बा) अ. जो धम्म ‘भावना' के द्वारा हटाये
या नष्ट नहीं किये जा सकते-(न भावनाय पहातब्बा) ८५. अ. जिन धम्मों के हेतु 'दर्शन' के द्वारा नष्ट
किये जा सकते हैं-(दस्सनेन पहातब्ब-हेतुका) आ. जिन धम्मों के हेतु 'दर्शन' के द्वारा नष्ट नहीं
किये जा सकते-(न दस्सनेन पहातब्ब-हेतुका) ८६. अ. जिन धम्मों के हेतु 'भावना' के द्वारा
नष्ट किये जा सकते हैं--(भावनाय पहातब्बहेतुका)