Book Title: Pali Sahitya ka Itihas
Author(s): Bharatsinh Upadhyaya
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan Prayag
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( ६६५ )
कुशलचित्त, कामावचर भूमि के (आठ) कोणागमन १४३
३७७, रुपावचर भूमि के (पाँच) कोन्-पोन्-सेत्सु-इस्से-उबु ३३२ ३७८, अरूपावचर भूमि के चार, कोरव्य २८६ ३७८, ३७९, लोकोत्तर भूमि के चार कोरिया ६४४ ३७९
कोलम्बो १७८, ५०५, ५४०, ५६८, कुशलादि ४०१
५६९, ६१४, कुशलविपाकचित ५३५
कोलद्धज ६४१ कुशल विपाक चिन (आठ) ३८१ ।। कोलध्वज-टोका ६४२ कुशल धर्म ४५२,४६०, ४६१, ४६२ ।। कोलिय १५९, १७७, ५७१, ५७४ कुशल मनोविज्ञान धातु संस्पर्शजा ४०० कोलिय पुत्रो (नुप्रवासा) २२८ कुशल-मूल ३९४, ४४०
कोशल (कोसल-प्रदेश) १२, १४, कुशल विपाक चित्त ३८१
१७, ८९, ११०, १४५, १५९, कुसल ४०८, ४११
१६२, १७६, १७७, १८६, कुसला ३६०, ४०१
१९५, १९६, २३१, २८६, २८७, कुसला धम्मा ३०६, ३७७, ३७९ २९१, ४९४, ५२४ कुसावती (कुशावती) २८७, ५.३ कोशलराज १६२, १७०, १९४, २२८, कुसिनारा (कुशीनारा) १४५, १९६, २३०
२८७, ५६३, ५७१, ५७२ कोशलराज (प्रसेनजित्) १७० कूटदन्त १३९
कोशल-मुत १९५ कूटदन्त सुत्त १२०, १२८, १३०, कोसल संयुत्त ९९, १६२
१३९, १४०, १७२, १९२, २७६ कोसला देवी २८७ कूटागारशाला ५२५
कौशाम्बिक (भिक्षु) १७३, ३०२ कूटस्थ ४५३
कौसल्य २९१ केकय १३, १५
कोसम्बिय मुक्त ९५, १५३ कंठ्य ३५, ३६, ५७
कोसी २१ केटेलॉग (डे जॉयसा) ५६६, ६१३ कौकृत्य (कुकुच्च) ३८८, ३९२, ५३५ केंडी (लंका) ६१३
कौशाम्बी (कोसम्बी) ११०, १५३, केतुमती २८७, ५८६
१५९, १३१, १९६, २३१, २८७ केम्ब्रिज हिस्ट्री ऑव इण्डिया १२ ५२५, ५२६, ५३०, ५६३ केरलत्र ८८ केवट्ट १४८
खग्गवग्ग-संयुत्त ६३९ केवट्ट-सुत्त ९२, १२०, १४२, १७२ खग्गवग्गसंयुत्त-टीका ६३९ केसपुत १८६, १९५
खग्गविसाण-सुत्त २०५, २३९, २४० केसपुत्तिय सुत्त १८६
खरस्सर-जातक २८२ केसियस ए पिरीरा ३४१ । खरोष्ट्री (खरोष्ठी) लिपि १३, २२१ नोकालिय २४१
खुज्जुत्तरा १८४ कोटिग्राम १४५
खुद्दानुखुद्द (क्षुद्रानुक्षुद्र) ३०२, ३०५, कौटिल्य विष्णुगुप्त २१२, २९३ ३१४, ३२९, ४८८
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