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समाज का इतिहास /49 आहार आदि से सेवा करते रहते हैं। शास्त्रों के अच्छे ज्ञाता है। लाल मन्दिर में शास्त्र प्रवचन करते हैं। देहली में महरोली में कुतुब मीनार के पास एक टेकरी पर भगवान महावीर की पद्मासन मूर्ति की विराजमान करने का आपने चमत्कारिक कार्य किया है। श्री प्रेमचन्द जी का जीवन व्रती जीवन है। देहली समाज के साथ समस्त जैन समाज में आपकी लोकप्रियता व्याप्त है।
15. श्री सुकुमार चन्द जी जैन मेरठ निवासी श्री सुकुमार चन्द जी राष्ट्रीय स्तर के व्यक्तित्व के धनी हैं। अ. भा. दि. जैन परिषद् के वर्षों से महामंत्री है। महासमिति के भी महामंत्री हैं। उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय सामाजिक नेता है तथा विगत 50 वर्षों से उसका नेतृत्व कर रहे है। आपका जीवन अत्यधिक सादा एवं सरल है । हस्तिनापुर तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष है। अभी आपने देश के सभी जैन मन्दिरों का सर्वे कराया था जिसका प्रकाशन महासमिति की ओर से कराया गया है।
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16. श्री बाबूलाल जी पाटोदी, इन्दौर राजनैतिक जीवन होते हुये भी पाटोदी जी सामाजिक जीवन को विशेष महत्त्व देते हैं। शासन में एवं समाज में आपकी गहरी पहुंच है। आप बहुत चतुर समाजसेवी है 1 जिस काम को हाथ में लेते हैं उसका इतनी सुन्दरता से सम्पादन करते हैं कि दर्शक गण आपके गीत गाने लगते हैं । इन्दौर में गोम्मटगिरी का निर्माण एवं बावनगजा की मूर्ति का पुनरोद्धार एवं वहाँ पर विशाल मैले का आयोजन आपके कर्मठ व्यक्तित्व के नवीनतम उदाहरण है। इन्दौर की समाज पर आपका एक छत्र राज्य है । महासमिति के आप मंत्री है। आपकी सेवाओं के कारण भारत सरकार ने आपको इसी वर्ष पद्मश्री से अलंकृत किया हैं।
17. श्री सत्यन्धर कुमार जी सेठी राजस्थान निवासी एवं उज्जैन प्रवासी श्री सत्यन्धर कुमार सेठी प्रारम्भ से ही जुझारू स्वभाव के समाजसेवी रहे हैं। चाहे सामाजिक बुराई हो या धार्मिक शिथिलाचार वे उसके पूर्णतः विरोध में रहते हैं और कभी समझौता नहीं करते। उज्जैन में सामाजिक क्रान्ति के वे सूत्रधार रहे हैं और समाज नेतृत्व देने में वे पूर्ण सक्षम हैं। 75 वर्ष की आयु को पार करने पर भी अभी युवकों जैसी उमंग है। सेठी जी परिषद के कट्टर समर्थक हैं। मुनियों के प्रति पूर्ण भक्ति होते हुये भी शिथिलाचार के वे पक्षपाती नहीं है। जब उनका उज्जैन में सार्वजनिक अभिनन्दन हुआ था तथा अभिनन्दन ग्रंथ भेंट किया गया था तो देश के सम्पूर्ण समाज की ओर से उनका शानदार स्वागत किया गया था। सेठी जी अच्छे वक्ता एवं लेखक हैं। वे पण्डित श्रेष्ठी है।
18. श्री जयचन्द लुहाडे, हैदराबाद अ. भा. दि. जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्री श्री जयचन्द लुहाडे विशाल व्यक्तित्व के धनी है। जब से आपने तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्रित्व का कार्यभार संभाला है दि. जैन तीर्थो का पर्याप्त विकास हुआ है। तीर्थों की सुरक्षा का कार्य हो रहा है। अब आपने प्रत्येक प्रदेश के तीर्थों के पूर्ण सर्वे की योजना हाथ में ली है उससे भी तीर्थों के कार्य-कलाप में पर्याप्त अन्तर आयेगा ।
लुहाडे जी का जीवन पूर्णतः धार्मिक जीवन है। हैदराबाद समाज में आपकी अच्छी लोकप्रियता है। दक्षिण भारत में आपका विशेष स्थान है।