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102]
साम्परायिक आसवके भेद
पचीस क्रियाओंका विशेष विवेचन
किन कारणोंसे आस्रव में विशेषता होती है। इसका निर्देश
तीव्र, मन्द आदि पदोंकी व्याख्या अधिकरणके दो भेद
जीवाधिकरणके 108 भेदोंका नामोल्लेख
'ब' पदकी सार्थकता
अजीवाधिकरण के भेद
निसर्ग आदि पदों का अर्थ
'पर' पदकी सार्थकता
निर्वर्तना आदिके उत्तर भेदोंकी व्याख्या ज्ञानावरण और दर्शनावरण के आस्रव
'जीवाजीवाः' ऐसा बहुवचन रखनेका कारण 249 जीवाधिकरणके भेद
249
संरम्भ आदि प्रत्येक पदकी व्याख्या
249
प्रदोष आदि प्रत्येक पदका अर्थ आसादन और उपघात में अन्तर
'तत्' पदसे ज्ञान और दर्शनका ग्रहण कैसे होता है इसका विचार
सूत्रगत प्रत्येक पदकी व्याख्या
इति' पदकी सार्थकता
सर्वार्थसिद्धि
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तिचा के आश्रव
तिर्यंचायुके आस्रवोंका विस्तारसे निरूपण मनुष्यापके आलव
248
मनुष्य के आस्रवोंका विस्तारसे निरूपण 248 मनुष्यायुके अन्य आसव चारों आयुओंके आलव
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'च' पदकी सार्थकता
दर्शनमोहके आस्रव केवली आदि पदोंकी व्याख्या सोदाहरण अवर्णवादका निरूपण रिमोह आव
प्रदोषादि ज्ञानावरण और दर्शनावरण दोनोंके आस्रव हेतु कैसे हैं इसका विचार आसातावेदनीय के आसव
दुःख आदि प्रत्येक पदकी व्याख्या
गोकादिक दुःखके प्रकार होकर भी उनके अलग
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ग्रहण करनेका कारण यदि दुःखादिक असातावेदनीयके आसव हैं तो केशोत्पाटन आदि क्यों करते हैं इसका युक्तिक विचार
सातावेदनीय के आस्रव
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कषाय आदि पदोंकी व्याख्या चारित्रमोहके आलवोंका विस्तार से निरूपण 256 कामुके आलव 256
काके आलवोंका विस्तारसे निरूपण
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देवा के आव
सूत्रगत प्रत्येक पदकी व्याख्या
देवायुका अन्य आस्रव
'सम्यक्त्वं च पृथक् सूत्र बनानेका प्रयोजन
अंशुम नामकर्मके आसव
सूत्रगत प्रत्येक पदकी व्याख्या
अशुभनामकर्मके आलयोंका विस्तारसे कथन शुभनामकर्मके आस्रव
'च' पदकी सार्थकता
शुभनामकर्मके आस्रवोंका विस्तारसे कथन
तीर्थंकर प्रकृतिके आस्रव
सूत्रगत प्रत्येक पदकी व्याख्या नीचगोत्रके आस्रव
सूत्रगत प्रत्येक पदकी व्याख्या उच्चगोत्र के आस्रव
सूत्रगत प्रत्येक पदकी व्याख्या
अन्तराय कर्मके आस्रव
तत्प्रदोष आदि प्रतिनियत कर्मोंके आसयोंका कथन करने से आनेवाले दोषका परिहार
व्रतकी व्याख्या
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हिंसादि परिणाम विशेष अधव हैं उनसे दूर 254 होना कैसे सम्भव है इस शंकाका परिहार हिंसा आदि पदोंको क्रमसे रखनेका प्रयोजन रात्रिभोजन विरमण व्रत अलगसे नहीं कहने
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सातवाँ अध्याय
का कारण
व्रतके दो भेद
प्रत्येक पदकी व्याख्या
व्रतकी स्थिरता के लिए पांच-पांच भावनाओंका अधिकार सूत्र
अहिंसा व्रतकी पाँच भावनाएँ सत्यव्रतकी पाँच भावनाएँ
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