Book Title: Sarvarthasiddhi
Author(s): Devnandi Maharaj, Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 558
________________ 438] सर्वार्थसिद्धि गुप्ति 6,788 847 788, 792 570 755 705 गुरुनाम गृहस्थ ग्रं वेयक गोत्र ग्लान चारित्र चारित्रमोह चारित्रविनय चारित्रार्य चित्त चिन्ता 864 435 323 181 478 ज्ञ ज्ञातभाव 619 ज्ञातृधर्मकथा 210 ज्ञान 6, 272, 926, 936 ज्ञानप्रवाद 210 ज्ञानविनय 864 ज्ञानवरण 737, 844 ज्ञायकशरीर ज्ञानोपयोग 273 738 865 572 22 चूर्णिका चूलिका 572 210 घन घनवातवलय घनांगुल घनोदधिवलय 570 367 276,760 367 छमस्थ 273 छद्यस्थवीतराग 839 छाया 711, 861 छेदोपस्थापनाचारित्र 853 572 घृतवरद्वीप 379 398 घृतवरसमुद्र घ्राण 288 367 298 744 तप 288 433 701 422 572 तत 572 तत्व 10, 20 तत्त्वार्थ 9, 10 तत्त्वाधिगम 23 तथागतिपरिणाम 931 तद्व्यतिरिक्तजीव ___22 तदाहृतादान 712 तदुभय (प्रायश्चित्त) 862 तनुवातवलय तन्मनोहरांगनिरीक्षणत्याग 674 656,796 तपःप्रायश्चित्त 861 तपस्विन् 86 तमस् 572 तमःप्रभा 366 ताप 630 तिक्त 570 तिक्तनाम 755 तिगिञ्छ 392 तिर्यगतिक्रम 717 तिर्यग्गति 755 तिर्यग्योनि 495 तिर्यग्यो निज 441 तिर्यग्लोक 471 तीर्त 915 तीर्थकर तीर्थकरत्वनाम 755 453 चक्षुष चक्षुर्दर्शनावरण चक्षुःप्राण चतुणिकाय चतुर्थ-अणुव्रत चतुर्यभक्त चतुरस्र चतुरस्रादि चतुरिन्द्रिय चतुरिन्द्रियजातिनाम चन्द्राभ चमर चरम चरमदेह चरमोत्तमदेह चर्यापरिषहसहन चाक्षुष चाप जगत्स्वभाव 685 जधन्यगुण 592 जन्म 324 जम्बूद्वीप 378,379 जम्बूवृक्ष 383, 430 जयन्त 478 जरायु 325 जरायुज 3212 जलकान्त जलप्रभ 453 755 जात्यार्य 435 जिन 840, 841 जीव 17, 296, 734 जीवत्व 267 जीवसमास 34 जीवाधिकरण 623 जीवित 56: जीविताशंसा 724 जुगुप्सा 750 जाति 381 288 565 191 453 365 365 364 423 579 422 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |

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