Book Title: Sarvarthasiddhi
Author(s): Devnandi Maharaj, Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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442]
747
385
427
460
278
212
440
568
253, 268, 742
268, 924
34
भाव
21, 32
भावकर्म
924
भावजीव
भावना
22 664, 673 906 भावमन 282, 531, 563
भावपरमाणु
भावलिंग
भावलेल्या
भय
भरतवर्ष
भरतविष्कम्भ
भवनवासी
भवपरिवर्तन
भवप्रत्यय-अवधि
भवस्थिति
भविष्यत्
भव्य
भव्यत्व
भव्यमार्गणा
भाववाकू
भावसंवर
भावसंसार
भावागार
भाषापर्याप्तिनाम
भाषालक्षण
भाषासमिति
भिक्षा
भीम
भीरुत्वप्रत्याख्यान
भूत
भूतानन्द
भूमि
भेद
भेदाभेदविपर्यास
शुद्धि भोगभूमि भोगान्तराय
मति
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363, 916
264
म
563
785
279
699
755
572
670
462, 568, 631
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366
572, 575
236
672
437
794
703
453
759
163, 181
मधुर
मधुरनाम
मध्यग्रैवेयक
मध्यप्रदेश
मन
मन:पर्यय मनः पर्याप्तिनाम
मनःप्रवीचार
मन्दभाव
मनुष्यगति
सर्वार्थसिद्धि
मनोगुप्ति
मनोज
मनुष्यगतिप्रायोग्यानुपूर्व्यनाम
मनोयोग दुष्प्रणिधान मनोबलप्राण
मनोयोग
मनोनिसर्गाधिकरण
मरण
मरणासा
मरुद्
मलपीडासहन
महाकाय
महाकाल
महाघोष
महातमः प्रभा
महापद्म
महापुण्डरीक
महापुरुष
महाभीम
महामन्दर
महाव्रत
महाशुक्र
महास्कन्ध्र
महाहिमवान्
कले
महेन्द्र
महोरग
नात्मय मार्गणास्थान
570
755
505
541
563
164, 216
755
456
619
755
755
669, 793
676, 865
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565 705
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628, 723 34
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मात्र भावना
मणिभद्र
मार्दव
मानुषोत्तरशेल
माया
मायाक्रिया
मारणानि की
माहेन्द्रकल्प
मित्रानुराग
मिथुन
मिथ्यात्व
मिथ्यात्व किया
मिथ्यादर्शन
गिध्यादर्शनक्रिया
मिष्यावृष्टि भिष्योपदेश
मिश्र (भाव)
मिश्र (योनि)
मुक्त
मुख्यकाल
मूर्च्छा
मूर्त
मूर्ति
मूर्तिमत्त्व
मूलगुण निर्वर्तन
मूलप्रकृति
मृदुनाम
मेरु
मेरुचूलिका
मेस्नाभि
मैत्री
मैद
मोक्ष
मोक्षमार्ग मोक्ष हेतु मोहनीय
मौर्य
656
453
644, 796
434
639, 697
य
6,18
705
479
723
693
749
618
697, 729
618 34,786
711
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274,280
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755
382
479.
383
382
692
1, 8, 17, 922
4, 8 19 737 719
यक्ष
462
यत्नसाध्य (कर्माभाव ) 923
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