Book Title: Sarvarthasiddhi
Author(s): Devnandi Maharaj, Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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पुण्य पुष्प (बन्ध)
पुद्गल पुद्गलक्षेप
पुद्गलस्कन्ध
पुमान्
पुरुषव्यभिचार
पुलाक
पुष्कर
पुष्करवरद्वीप
379
473
750
453
453
406, 427
426
210
406
931
674
891
पूर्वरतानुस्मरणत्याग पूर्ववित् पृथक्त्ववितकंवीचारभा 906 पृथक्त्ववितर्कशुक्लध्यान 895
286
286
286
286
326
449
736
760
743
पुष्करवर समुद्र
पुष्पप्रकीर्णक
पुंवेद
पूर्ण
पूर्णभद्र
पूर्व
पूर्वकोटी
पूर्वगत
पूर्वगा
पूर्वप्रयोग
पृथिवी पृथिवीकाय पृथिवी कायिक
पृथिवीजीव
पोत
प्रकीर्णक
प्रकृति
प्रकृतिबन्धविकल्प
प्रचला
प्रचलाप्रचला
प्रच्छना
प्रशापरिषहजय
प्रतर
प्रतिक्रमण
प्रतिषात
प्रतिपात
614, 781
781
275, 544
717
780
363
246
909
400
379
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743
867
834
572
861
565
220
प्रतिरूप
प्रतिरूपकव्यवहार
प्रतिश्रय
प्रतिसेवना
प्रतिसेवनाकुशील
परिशिष्ट 5
प्रतीघात
प्रथमसम्यक्त्व
प्रथमानुयोग
प्रदेश 334,540,736,780
प्रदेशप्रचय
प्रदेशबन्ध
प्रदेशवत्त्व
602
780
269
प्रदेशसंस्थानविष्कम्भ 382
628
453
686
453
712
703
914
910
339
258
210
प्रदोष
प्रभञ्जन
प्रमत्त
प्रमत्तसंयत 34 732, 886 प्रमार्जित 720 23, 171
प्रमाण
प्रमाणनिर्माण
755
प्रमाणफल
169
प्रमाणांगुल
प्रमाद
प्रमादाचरित
प्रमोद
प्रत्यक्ष
प्रत्यभिज्ञान
प्रत्यवेक्षण
प्रत्याख्यानपूर्व
प्रत्याख्यामावरण
प्रत्येकबुद्धबोधित
प्रत्येकशरीरनाम
प्रयोगक्रिया
प्राण
प्राणत
प्रवचनवत्सलत्व
प्रवादिन्
प्रवीचार
प्रशंसा
प्रश्नव्याकरण
439
687, 729
703
682
176
586
721
210
751
936
755
618
656
559
455, 457
657, 706, 707
210
286, 563
478
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प्राणव्यपरोपण
प्राणातिपातिकी क्रिया
प्राणापानपर्याप्तिनाम
प्राणावाय
प्रात्ययिकी क्रिया
प्रादोषिकी किया
प्राप्यकारि
प्रायश्चित्त तप
प्रायोगिक
प्रायोगिक बन्ध
प्रायोगिकी
प्रेष्यप्रयोग
प्रोषध
प्रोषधोपवास प्रोषधोपवासव्रत
बन्ध
ब
17, 572, 589,
711, 735
931
755
783
बहु
191, 194
बहुविध
191, 194
बादर
555
बादरनाम
755
बादरसाम्पराय
842
बाल तप
632, 648
294
बाह्यनिवृति बाह्योपधित्यागव्युत्सर्ग 870
402
बन्धच्छेद
बन्धननाम
बन्धपदार्थ
बुद्धि
बोधिदुर्लभानुप्रेक्षा
ब्रह्म
ब्रह्मचर्य
ब्रह्मलोकालय
ब्रह्मा
ब्रह्मोत्तर
[441
687
618
755
210
618
618
204
857
572
572
568
717
703
703
702
भक्ति
809
478, 693
797
488
479
478
भ भक्तपानसंयोगाधिकरण 626
656
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