Book Title: Sarvarthasiddhi
Author(s): Devnandi Maharaj, Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 557
________________ परिशिष्ट 5 [437 251 793 कृत 570 शायोपशामिक क्षायोपमिकचारित्र 263 क्षायोगशमिकभाव 263 क्षायोपशामिकसम्यक्त्व 263 क्षायोपशमिकमयमासंयम 263 191 क्षीणकपाय 220,908 श्रीणकषायवीतरागछद्मस्थ 34 क्षीणमोह 907 क्षीरवरद्वीप क्षीरवरसमुद्र 379 क्षुद्रभव 276 क्षुद्रहिमवान् 385 क्षेत्र 32, 404,715, 937 क्षेत्रपरिवर्तन 276 क्षेत्रवृद्धि 716 क्षेत्रसंसार 276 क्षेत्रार्य 435 क्षेमकर 491 379 कुन्जसंस्थाननाम 755 कुप्य 714 कुल 821 कुलपर्वत कृपलमला (निर्जरा) 807 सुशील 909 कूटलेख क्रिया 623 कृष्ण कृष्णवर्णनाम 755 कृष्णलेण्या 371, 445 केवल 164,920 केवलदर्शनावरण 744 केवलि-अवर्णवाद 634 केवलिन् 633,892 केसरिन कोटाकोटी 760 क्रोध 670 क्रोधप्रत्याख्यान 671 कोत्कुच्य 718,719 कन्दप 719 626 392 कापिष्ठ 478 कामचार 491 कामतीवाभिनिवेश 714 कार्गणकाययोगस्थ 286 कार्मणणगेर 310,330 कामशरीग्नाम 755 काय 286,526 कायद्यप्ति कायक्लेणतप 855 कायत्व 602 कायदुष्प्रणिधान 720 कायनिसर्गाधिकरण कायबलप्राण 286 कायमार्गणा 34 काययोग 610, 897 कायस्वभाव 684 कास्थिति कायिकी क्रिया 618 कारणविपर्यास 237 कारित 623 कारुण्य 682 कार्यकारणभावसन्तति 341 काल 33, 453, 577, 601 102,936 कालनियम 312 कालपरमाण 528 कालपरिवर्तन 277 कालव्यभिचार 246 काललब्धि 258 कालसंसार 277 कालादि क्रम 723 कालोद 379 किन्नर 453,462 किम्पुरुष 453,462 किल्विपिक 449 क्रिया 539.568, 617 क्रियाविशाल 210 क्लिश्यमान 683 कीति 402 ""कासहननाम 755 439 खण्ड 572 865 क्षपक 908 क्षमा 796 क्षय 215, 252 क्षयोपशम 215 क्षयोपशम निमितक-अवधि 212, 214 क्षायिक 251 क्षायिक उपभोग 260 क्षायिकजान 260 क्षायिकदर्शन 260 क्षायिकदान 260 क्षायिक भोग 260 क्षायिकलाभ 260 क्षायिकवीर्य 260 क्षायिकसम्यक्त्व 260- गंगा. 385,404 गण गति 264,482,558,755 गतिमार्गणा 34 गन्ध 299, 570 गन्धनाम 755 गन्धर्व 462 गर्दतोय गर्भ 591,599, 606 गुणकार 335 गुणस्थान 34 गुणाधिक 682 491 321 गुण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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