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चतुर्थोऽध्यायः 8514. अथ भवनवासिनां का जघन्या स्थितिरित्यत आह
भवनेषु च ।।370 8 515. 'च' शब्द किमर्थः ? प्रकृतसमुच्चयार्थः । तेन भवनवासिनामपरा स्थितिर्दशवर्षसहस्त्राणीत्यभिसंबध्यते। 8516. व्यन्तराणां तर्हि का जघन्या स्थितिरित्यत आह---
व्यन्तरारणां च ॥38॥ 8517. 'च'शब्दः प्रकृतसमुच्चयार्थः । तेन व्यन्तराणामपरा स्थितिर्दशवर्षसहस्राणीत्यवगम्यते। 8518. अर्थषां परा स्थितिः का इत्यत्रोच्यते
परा पल्योपममधिकम् ॥39॥ 8519. परा उत्कृष्टा स्थितिय॑न्तराणां पल्योपममधिकम् । 8 520. इदानीं ज्योतिष्काणां परा स्थितिर्वक्तव्येत्यत आह
ज्योतिष्कारगां च॥401 $ 521. 'च'शब्दः प्रकृतसमुच्चयार्थः । तेनैवमभिसंबन्धः। ज्योतिष्काणां परा स्थितिः पल्योपममधिकमिति।
8522. अथापरा कियतीत्यत आह
8514. अब भवनवासियोंकी जघन्य स्थिति कितनी है यह बतलानेके लिए आगेका सूत्र कहते हैं
भवनवासियों में भी दस हजार वर्ष जघन्य स्थिति है ।।37॥
$ 515. शंका-सूत्रमें 'च' शब्द किसलिए दिया है ? समाधान-प्रकृत विषयका समुच्चय करनेके लिए। इससे ऐसा अर्थ घटित होता है कि भवनवासियों की जघन्य स्थिति दस हजार वर्ष है।
8516. तो व्यन्तरोंकी जघन्य स्थिति कितनी है अब यह बतलानेके लिए आगेका सूत्र कहते हैं
व्यन्तरों की दस हजार बर्ष जघन्य स्थिति है ॥38॥
8517. सूत्रमें 'च' शब्द प्रकृत विषयका समुच्चय करनेके लिए दिया है। इससे . ऐसा अर्थ घटित होता है कि व्यन्तरोंकी जघन्य स्थिति दस हजार वर्ष है।।
8 218. अब व्यन्तरों की उत्कृष्ट स्थिति कितनी है यह बतलाने के लिए आगेका सूत्र कहते हैं
और उत्कृष्ट स्थिति साधिक एक पल्वोपम है ।।391
$ 519. पर शब्दका अर्थ उत्कृष्ट है । तात्पर्य यह है कि व्यन्तरों की उत्कृष्ट स्थिति साधिक एक पल्योपम है।
8 520. अब ज्योतिषियों की स्थिति कहनी चाहिए, अतः आगे का सूत्र कहते हैंज्योतिषियोंकी उत्कृष्ट स्थिति साधिक एक पल्योपम है ॥40॥
8521. सूत्रमें 'च' शब्द प्रकृतका समुच्चय करनेके लिए दिया है । इससे यह अर्थ घटित होता है कि ज्योतिषियोंकी उष्कृष्ट स्थिति साधिक एक पल्योपम है।
522. ज्योतिषियोंकी जघन्य स्थिति कितनी है अब यह बतलानेके लिए आगेका सूत्र कहते हैं
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