Book Title: Sarvarthasiddhi
Author(s): Devnandi Maharaj, Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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434]
अनुश्रेणिगति
अनृत
अनृद्धिप्राप्तार्य
अनेकान्त
अन्तकृद्दश
अन्तर
अन्तर्मुहूर्त
अन्तराय
अन्नपाननिरोध
अन्त्य
अन्त्यसौक्ष्म्य
अन्त्यस्थौल्य
अन्यत्वानुप्रेक्षा
अन्यदृष्टिप्रशंसा
अन्यदृष्टिसंस्तव
अपध्यान
अपर्याप्तिनाम
अपरगा
अपरत्व
अपरा (स्थिति)
अपराजित
अपवर्ग
अपवर्त्यष
अपान
अपाय
अपायवितय
अपूर्वकरण
अप्रतिपात
314
अप्रत्याख्यानकिया
अप्रत्याख्यानावरण
अप्राप्यकारि
अर्पेण..
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688
435
169
210
936
871
846
710
346
572
572
802
706
अप्रतीघात
338
अप्रवीचार
458
34
अप्रमत्तसंयत अप्रत्यवेक्षितनिक्षेपःधिकरण 626 अप्रत्यवेक्षिताप्रमार्जितादान 721
अप्रत्यवेक्षितानमा जितोत्सर्ग 721 अप्रत्यवेक्षिताप्रमार्जित
706
703
755
408
568
770
478
926
365
563
678
890
34
220
संस्तरोपक्रमण 721
618
751
204
588
अर्पित
अबुद्धिपूर्वा (निर्जरा)
अब्रह्म
अभव्य
अभव्यत्व
अभाषात्मक
अभिनिबोध
अभिभव
अभिमान
अभिषव
सर्वार्थसिद्धि
721
अभीक्ष्णजनोपयोग 635 अभ्यन्तरोपधित्यागव्युत्सर्ग 870 अभ्यर्हितत्व
17, 273
अमनस्क
281
अमनोज
676
अमनोज्ञसंप्रयोग (आर्तध्यान)
877
453
453
269, 602
375 अयत्नसाध्य (कर्माभाव ) 923 अयथाकाल
364
755
897
34
अमितगति
अमितवाहन
अमूर्त
अम्बारीष
अयशः कीर्तिनाम
अयोग
अयोगकेवली
अरति
587
807
693
268, 742
268
572
181
568
582
अरतिपरीयह जय
अरत्नि
अरिष्ट
अरुण
अरुणवरद्वीप
अरुणवरसमुद्र
750
847
483
491
490
379
379
534
563
425
267
33, 936
193 396, 548
अरूप
अलातचक्र
अलाभपरीषह विजय
अलेश्य
अल्पबहुत्व
अल्पस्यावग्रह
अवगाह
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अवगाहना
अवग्रह
अवर्णवाद
अवद्य
अवधि
633
679
164
अवमौदर्यतप
855
अवसर्पिणी 277, 417, 418,
439
533, 34
215
189
313
317
570
682
778
855
729
585
356
491
617, 18
800
804
614
755
614
614
अवस्थित
अवस्थित (अवधि)
अवाय
अविग्रह
अनियमति
अविनाभावी
अविनेय
अविपाकजा (निर्जरा)
अविरत
अविरति
अव्यय
अव्याचाति
अव्याबाध
अव्रत
अशरणानुप्रेक्षा अशुचित्वानुप्रेक्षा
अशुभका योग
अणुभनाम अशुभ मनोयोग
अशुभयोग
अशुभवाम्योग
अशुभभूति
अश्व
936
189
614
703
491
422
236, 689, 89
अष्टमभक्त
असत् असमीक्ष्याधिकरण
असई द्य
'असाधारण (भाव)
असिद्धभाव
असुरकुमार
असुरभि
असुरभिगन्धनाम
720
745
269
265.
461
570
755
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