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७२ * श्री लँबेचु समाजका इतिहास * . लाल प्यारेलाल के गोद गये। प्यारेलालजी और मुंशीलाल वकेवरिया विजोरा वाले जो त्रैलोक्यसार और गणित शास्त्रमें बड़े निपुण थे। एक बार कचोरामें दिक्षितों से इस बात पर विवाद भया । जंबू द्वीपमें जैन सिद्धान्त से दो सूर्य दोचन्द्रमा हैं और दीक्षित निषेध करै तब एक खगोल भूगोल का एक एक काठ और भोडल का नकशा बनाया और दो सूर्य दो चन्द्र चाल से सिद्ध कर दिखाए अभी कुछ दिन पहिले तक वह नकशा पड़ा था कचोरा के मन्दिर में अब मालूम नहीं झम्मनलाल करहल हलवाई रपरिपन के दम्मीलाल के ब्याहे थे १ पुत्र १ पुत्री हुई गिरधारीलाल फतेपुर रावतनिके ब्याहे तिनके बेटे २ वाबूराम १ जिनेश्वरदास २ । बाबूराम दिल्लीपति पचोलये के व्याहे तिनके लड़के ५ एक कुरावली व्यहा । ईश्वरी प्रसाद के दो लड़के जेठा कहीं चला गया छोटा उलफतिराय । उसके दो बेटो हैं । ईश्वरीप्रसाद को वाहिके सुन्दर लाल तिहैया की बहिन ब्याही ।
माखनलाल करहल पचोलयन के ब्याहे तिनके बेटा वंशीधर, जिनेश्वरदास, जोहरीलाल । बंशीधर वाहवाले