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* श्री लंबेचू समाजका इतिहास *
प्रधान चाचक देव हुआ फेर राजा विशेसर हुआ जाके साथ प्रधान अमोलक देव छा फेर राजा आमकेशर हुआ जाके साथ प्रधान ब्रजदेव छा फेर राजा हरिकेशर हुआ जाके साथ प्रधान विमलदेव छा फेर राजा जुगलेश्वर हुआ जाके साथ प्रधान हरिहरदेव छा फेर राजा मंजलेश्वर हुआ प्रधान जगतराम छो सम्बत् ७४५ सात सो पैतालीस की साल में जिन यज्ञ पूजा आरंभ किया मदगण कुण्ड खुदाओ दूगर पर बाल्मीजी का दर्शन हुआ ।
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हसेसर राजा के साथ प्रधान कन्धर देव छा फेर राजा मलूकदेव के साथ प्रधान मेघ भाग छा साम्हर स्थान । फेर राजा जोबनातुर हुआ प्रधान हमीर सिंह भया फेर राजा विशेसर भया प्रधान मदनीमल छा फेर सोमेसुर राजा भया प्रधान सिंहोजी छा राजा कनक के पास प्रधान सीता रामजी छा फेर राजा सिंघर हुआ प्रधान वरघनाथ छा राजा सिघंर के २२ बेटा हुआ जामे सूं पाँच कुंअर अन्तरवेद में ( गंगा जमुना नदी के ) बीच के प्रदेश को अन्तर वेद कहते हैं इटावा चन्दवार (चन्द्रपाट) आदि के दक्षिण तरफ जमुना नदी बहती है और उत्तर में गंगा बहती है इससे