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* श्री लॅबेचू समाजका इतिहास- ११ छोटी सी सेना का संगठन किया और मेवों पर चढ़ाई कर दी। सुमेर सिंह के साथ चौहानों की सामान्य सेना थी पर मेव उनके सामने डट न सके। सुमेर सिंह, जो राजा होने पर सुमेर शाह कहलाये, ने इटावेको अपनी राजधानी बनाया और जमुना के तट पर एक किले की नींव डाली। यह वही किला है जो इटावा के टिकसी मंदिर के पास वस्तावस्था में अवस्थित है।
सुमेर शाह ने अपने एक भाई ब्रह्मदेव को राजा की उपाधि और राजोर का इलाका दे दिया। दूसरे भाई अजबचंद को चंदवार का इलाका दिया। सुमेर शाह की आठवीं पीढ़ी में प्रताप सिंह हुये जिन्होंने परतापनेर का किला बनवाया। उसके पाँच पीढ़ी के बाद गज सिंह हुये जिनका १६८३ ईस्वीमें देहांत हुआ। गज सिंह के चार लड़के थे। गज सिंह ने अपनी रियासत इन चार पुत्रों में बाँट दी। सबसे बड़े लड़के का नाम गोपाल सिंह था जिनके हिस्से में परतापनेर का इलाका पड़ा। गोपाल सिंह अभी अच्छी तरह सम्भल भी न पाये थे कि मुसलमानों ने उन पर हमला कर दिया और उनके पास जो कुछ था सब छीन लिया।