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* श्री लँबेचू समाजका इतिहास * ४४६ चक्रेश्वर कुमार रईशकी तरफसे श्रीमहावीर जिनबिम्ब की प्रतिष्ठा की । आराकी तरफसे निर्वाण कल्याणका महोत्सव जल मन्दिरमें किया। _____ आगरामें श्रीमान् बिहारीलालजी जैसवाल कलकत्तावाले की तरफसे जिनविम्ब प्रतिष्ठा कराई। ____श्री सम्मेद शिखरजी ( पार्श्वनाथादिक ) तीर्थ क्षेत्रमें प्रतापमलजीकी जिनबिम्ब प्रतिष्ठा समय तेरापंथो कोठीके आदि मन्दिर की तथा पीछे भागमें विराजमान बृहत्पार्श्व नाथ श्यामवर्ण की प्रतिष्ठा की।
श्री खण्डगिरी उदयगिरि दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्रमें खण्डेलवाल श्रीमान सुजानगढ़ निवासी कलकत्ता प्रवासी चान्दलल पन्नालाल फार्मके बालचन्द नेमीचन्दकी तरफ से श्री जिनविम्ब प्रतिष्ठा ६ नव हाध ऊँची खड़े आसन श्रीपार्श्वनाथ जिनबिम्ब श्यामवर्ण की। और अनेक जिन बिम्बोंकी प्रतिष्ठा की।
श्री सम्मेद शिखा जैनतीर्थ क्षेत्रमें ( पार्श्वनाथ ) क्षेत्र में श्रीमान हस्तिकान्त ( हतिकांति) निवासी इटावा प्रवासी तथा कलकत्ता प्रवासी श्रीमान् बाबू मुन्नालाल द्वारकास पोद्दार गोत्रीय लँमेचू जैनके फार्मके मालिक श्री मान बाबू सोहनलाल जैनकी तरभसे वृहत जेन मन्दिर
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