Book Title: Lavechu Digambar Jain Samaj
Author(s): Zammanlal Jain
Publisher: Sohanlal Jain Calcutta

View full book text
Previous | Next

Page 454
________________ ४५२ * श्री लँबेच समाजका इतिहास * राजगिरि श्रीमान् खंडेलवाल हजारीमल रामचन्दकी तरफसे । बुगड़ामें चरमगुरिया मदारीपुरमें ढाका वङ्गालमें इत्यादिमें वेदियोंकी जिंन मन्दिरोंकी प्रतिष्ठा कराई। नागोरमें श्रीमान् खंडलवाल पञ्चोंकी तरफसे । चम्पालाल दीपचन्द नेमीचन्द दुलीचन्द आदिकी तरफसे मन्दिर निर्माण मन्दिर प्रतिष्ठा बेदीप्रतिष्ठादि । रेवासा जि. सीकर जयपुर श्रीमान् सेठ खंडेलवाल रामलाल शिवलालकी तरफसे कालूराम लक्ष्मीनारायणकी तरफसे । श्रीचांदन गांव महावीर पाटोदा श्रीकृष्णा वाई अग्रवालके महिलाश्रममें आश्रम वेदी प्रतिष्ठादि। कलकत्ताके निकट चुरचुरा अतिशय क्षेत्रमें तथा कलकत्ता पुरानी वाड़ी। श्रीमान् सेठ कन्हैयालाल विरदीचन्दके प्रबन्धमें किये हुए जीर्णोद्धरित जिन मन्दिर और वेदी प्रतिष्ठा कराई।

Loading...

Page Navigation
1 ... 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483