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१२२ श्री खेचू समाजका इतिहास - उनके शानसिंह उनके पुत्र प्रतापसिंह उनके ३ पुत्र । शिववरदानीलाल, मनपोखनलाल, वंशीधर सोवरदानीलाल के कुछ मिथ्या श्रद्धा भी थो, ऐसा मालूम होता है नाम से और जैन श्रद्धा भी थी। घर में जिन चत्यालय ऊपर छतपर था।
राणा प्रताप रुद्र प्रताप नहर क राजा भये। उनका संवत् सोलह सौ शताब्दी के करीब है। सुमेरसिंह (सुमेरुशाह) के ८ पीढ़ी बाद राजा प्रताप रुद्र भये और वंशावली में भी १६११ के करीब लिखा है तथा अनेकान्त पत्र में रइधु कवि ने भी पुण्यास्रव कथा कोष में राजा प्रताप रुद्र का जिकर किया है और आशीर्वाद दिया है। ये लँबेचू जैन थे निर्विवाद सिद्ध है और शक संवत् का मिलान है। उनके प्रधान मन्त्री भगवन्त सिंह (शाह) कानूनगो ( कानीगो ) थे। उनकी दूसरी स्त्री से महासुख ( अतिसुख ) पुत्र भये । उनसे जादोराय उनके चुन्नीलाल उनके आशाराम उनके पहुपसिंह उनके चेतसिंह शिखर प्रसाद चेतसिह ( जिन्होंने गदर में करहल की रक्षा की) उनके नवासा पुत्री के पुत्र लाला बाबूराम हैं। उनके पुत्र रामस्वरूप उनके नरेन्द्रकुमार आदि सात-आठ पुत्र और