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* श्री लँबेचू समाजका इतिहास * २६१ हिन्दी गद्य लाला फुलजारीलाल रईस कानून गोके यहाँ से प्राप्त उर्द में उसकी हिन्दी पं० जयदेव जैन पंचोल ने की। . जिस समय सं० १६१४ मे गदर परो तव चैत सिंह महाराज सिंह महा सिंह आदि कानूनगोने घोडा पर चढ़ कड़ावीन और बन्दुक आदि शस्त्र लेकर और साथ में लहरिया ब्राह्मण भी रहै। इन्होंने कानूनगो घराने के चतसिंह आदिने और लहरिया ब्राह्मणों ने उनकी भी जिमीदारी है। तथा लाला शिखर प्रसाद चंतसिंह कानूनगो की जिमीदारी है। इन्होंने चारो ओर फिर फिर के करहल शहर की रक्षा करते थे। तब करइल बची करहल जिला मैनपुरी में है। लाला शिखर प्रसाद के लालाफुलजारीलाल दत्तक पुत्र और उनके पुत्र लाला मिजाजीलाल उनके औरस्य पुत्र ऋषभ दास उनके पुत्र सन्तोषकुमार है। और लाला चैतमिहके पुत्रीके पुत्र लाला बाबूराम और उनके पुत्र रामस्वरूप और कई पौत्र नरेन्द्रकुमारादि हैं। ये दोनों जिमीदार है ।