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३४२ * श्री लँबेचू समाजका इतिहास * (कानीगो) कानून गो रहै उसीकानीगो (गोत्र अलल मैं करहल के शिखर प्रसाद और चेतसिंह थे। जिसमें शिखर प्रसादके दत्तकपुत्र लाला फुलजारी लाल जिनके दत्तकपुत्र लाला मिजाजीलाल मौजूद हैं और चेतसिंह के दौहित (नाती) लाला बाबू राममोजूद हैं)। शाह सोजीरामको ८४ गढ़न ८४ किलों का भार राजा माणिक राव ने सोंपा। यह कथन (सांभर) देशको सपादलक्ष विषय (देशको) सवा लाख ग्राम छोटे बड़े लगते होंगे। इसीसे इसका नाम (सपादलक्षविषय पड़ा )।
राजपूतानेका उदयपुर इतिहास में पृष्ठ ४६०६१ में लिखा है ओझाजीने जो चित्तौर, उदयपुर, मेवाड़ के राजा (परमारवंशी राजा देवपाल के पुत्र जैत्रसिंह (जेतसी) देवपाल के बाद गद्दीपर बैठ (परमार) एक चोहानवंश की एक शाखा है। खोची चोहानोंमें हैं। सोलंकी भी एक परमार वंश की शाखा है । इसी वंश में धारवर्ष के पुत्र राजाभोज हुये जो शाखा प्रशाखा में वल्लाल वंशी कहाये ।
रावल समर सिंहके आयुके शिला लेखमें लिखा है जत्रसिंहने नडुल (नाड़ोल) जोधपुर राज्यके गोड़वाल