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३६८ * श्री लँबेचू समाजका इतिहास * देश भी शिवपुर अन्तरिक्ष पार्श्वनाथके पास है जो अधर प्रतिमा है। वह कच्छी लोगोंका ही मन्दिर और प्रतिमा है और श्रीमान् सरनाइट सेठि हुकुमचन्दजीका काशली वाल गोत्र चोहानोंमेंसे है यह हम डहके खंडेलवाल इतिहासमें पढ़ा है और इनका तो खास मालवदश है तथा श्री पन्नालाल दूनी वालेने तथा श्रीमान् पंडित सदासुखजी ने खंडेलवाल जातिमें ८२ गोत्र तो खंडलाके क्षत्रिय है। और २ गोत्र सुनार है।
विद्वज्जन वोधकमें पन्नालालजीने लिखा है यह भी इतिहास न जोनकारीकी भूल ही में अनुमान करता हूँ सो नगरेके आये हुयोंको मुनार कहा काञ्चनगिरीसे सुवर्णगिरी कहलाई। यह भी क्षत्रिय है और फिर इतिहास खोजी विशेप जाने और अग्रवाल जातिके विषयमें हम लिख ही चके हैं कि उग्रसेन या अगरसाह सेहो और गोलालारे खरउआकहते हैं कि इक्ष्वांकू वंशी है वैसे तो सब ही इक्ष्वाकु वंशी है पर वर्तमानमें पुरावा कुछ नहीं जब ठाकुर गोत्रकी वंशावली बखानते रायको सुना तो वह तो पृथ्वीराज चोहानका वंश बखानता था। तब ये भी चोहानकी