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* श्री लँबेचू समाजका इतिहास * ३४५ और बांसवाड़ा राज्योंका सम्मिलित नाम (वागड़) है उसमें राज्य स्थापित कर लिया। राजपू० इत्ति० द्वि० खं० पेज ४५२ से ५६ तक फिर सामन्त सिंहके भाई कुमार सिंहने गुजरातके राजाओंसे मेलकर उसकी सहायता से कीतूसे फिर मेवाड़ राज्य छीना। कुमार सिंह के बाद उनके पुत्र मथनसिंह राज्याधिकारी हुये और मथनसिंह ने टांटरड़ (टाँटेड) जातिके उद्धरणको जो दुष्टोंको शिक्षा देने और शिष्टोंको रक्षण करनेमें कुशल था। नागद्रह (नागदा) नगरका (तलारक्ष कोतवाल नगर रक्षक) बनाया । अश्वलगच्छ के माणिक्य सुन्दर सूरि (श्वेताम्बर यतीने) पृथ्वीचन्द्र चरितमें तलवर तलवर्ग नाम भी दिये हैं सोड्ढल रचित उदय सुन्दरी कथामें तलार या तलोरक्ष नगर की रक्षा से था गुजराती भाषामें तलारत तलरि अपभ्रंश में मिलता है जो अब पटवारी का सूचक होता है अधिक परिचय के लिये देखो (नाडोल प्र० प० भाग ३ पृ० २ का टिप्पण)।
जाताष्टांटर ज्ञातौ पूर्वमुद्धरणाभिधः पुमानुमाप्रियोपास्ति संपन्न शुभ वैभवः