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* श्री लँबेचू समाजका इतिहास * चिरंजीलाल सूरजमल की दो भागमें वरोलिया बिल्डिंग हैं। दोनोंका बड़ा फार्म है। वंशीधर सुमेरचन्द जैन एण्ड को केंटीन और चीनी भाण्डोंका तथा कांचका कारखाना है। सूर्यमलके बिजलीकी लोटिया आदि बिजलीका काम है वाह पे झुन्नीलाल तोताराम दरवारीलाल परिया लमेच सर्राफ (सोने चाँदीकी दुकान) सुन्दरलाल तिहैय्या पंसारी व्यापार और भी हजारीलाल रपरियादि है।
जैतपुर के ईश्वरीप्रसादके घरानेके जमींदारी है। करहलमें संवत् १६११ की सालमें राणाप्रताप रुद्र राजा प्रतापनहरके उनके प्रधान मन्त्री भगवन्त सहाय जिनको भैय्याज की खिताव थी। कानूगो जिन्होंने जिन विव यज्ञ प्रतिष्ठा कराई, उनका कथन ऊपर कर आये हैं। और चाबू मुन्नालालजी के छोटे भाई तोताराम पोद्दारके पुत्र मधुवनदास इटावा है। इटावामें बाबू मुन्नालालजीने हतिकांतिके जिन मंदिरकी सब जिन प्रतिमायें दिगम्बर इटावामें एक बड़ा आलीशान जिन मंदिर बनवा कर सवासो डेढ़सो १५० श्री जिन विम्ब