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* श्री लँबेचू समाजका इतिहास * अटावाली प्रतिमा पर भी लम्बकंचुकान्वये चन्द्रदेवराज्ये ११५६ शताब्दीका उल्लेख है और भाष्करमें श्रीमान् पं० जगन्नाथजी ने १०५३।५६ के रामसिंह हारुल के साथ चन्द्रपाल राजाका कास सम्बन्ध किस आधार से लिखा सो नहीं लिखा है । किम्बदन्ती श्रुतिसे है ऐसा मालूम होता है। क्योंकि १०५३।१०५६ में प्रतिष्ठा कराई । यह बात प्रतिमा ३ फुटकी पर लेख १०५६ अगहन सुदी ५ और पौने तीन फुटकी प्रतिमापर वि० सं० १०५३ वैशाख सुदी ३ और रामसिंह हारुलदिया । सो ये प्रतिमाये कनकदेवसुत्तकोकने निर्माण कराई ।
लिखा है सो राजा कनकपाल ( कनकदेव) है कनकपाल माने सुवर्णपाल जिनसे लमेचुओंका सोनीगोत्र भया और सोनी से संघई इन्हीं कनकपालजीने सोनिया गांव कनक मठ निर्माण कराया । उस कनक मठके चारों कोणमें चार छोटे-छोटे मन्दिर फूट पड़े हैं जिसकी प्रतिभा भी वही पड़ी है जब हम और बाबू ताराचन्द परिया सोनिया गांव मुरेनासे गये थे बैलगाड़ीमें तब उन प्रतिमाओंके फोटो लाए हमारे पास रक्खे हैं जिन