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* श्री लँवेचू समाजका इतिहास *
कवित्त
सवैया ३१ खंडनि खल निहिल दण्डन प्रचंडनु कमंडन मुलिक मण्डलीकनि प्रभाने हो । खान यो खुमान सुलत्तान आन मानत है, जाहर जहान धरै विरद बखाने हो । साहसी सुभट शिरमोर देउराइ सुअ मुजश प्रताप चारयो चक्रनि बखाने हो ।। कहैं कवि लाल दानी लाला भूलचन्द तुम दान योक्रपानको जहान पर जाने हो ॥६७।। अब कुछ राजपूताने इतिहाससे कुछ उद्धृत
चन्द्रमाण चोहान माणिकचन्द चोहान राणा मांगा ( संग्राम सिंह ) के सहायतार्थ अन्तर्वेद ( गंगा जमुना के बीच के प्रदेश चन्दवार इटावा आदि से ) से गये इतिहास पृष्ठ पेज ६८६।८७ और राणामुकुल और फीरोज शाह से लड़ाई हुई पेज ५८२ । ___ और सांम्हर ( सांभर ), नाडोल, अजमेर, रणथंभोर, मंडोर, संचालक, सिरोही ( सीहोर ), आमेर, चित्तौर, देहली, मालवा, नागोर, सोनगरा, सिरदारगढ़, हाडोनी