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में चौधे मलबलेट (मालवा) वहाँ प्रथम ग्वालियर प्रभावन्द के पट्ट सुमति कीर्ति ताक पट्ट मेरुवन्द ताके वीर नन्दि ताके विवनंदि ताके भानुचन्द्र ताके देवनन्दिताके विश्वकीर्ति ताके भावनन्दि ताके धर्म कीर्ति ताके शीलभूषण ताके जगद्भूषण श्री काशी जी दूसरा नाम बनारस वहाँ वाद जीतो जैन धर्म का उद्योत किया। साके विश्वम्पण ताके सुरेन्द्र भूषण ताके श्रीभूषण ताके धर्म भूषण ताके लक्ष्मी भूपण ताके मुनीन्द्र भूषण ताके शिष्य पुण्यवान् दाताषट् मतज्ञाता उपदेशक श्री भट्टारक जी श्री जिनेन्द्र भूषणबी विराजमान राजा भदावर सो धरतीकाढी और माढ़ी चलाई सो अटेर के बाजे । ताके श्री भट्टारकजी श्री महेन्द्र भूषणजी दया कर सहित होते भये।
इति आचार्य वंशावली सम्पूर्ण श्री मूल सङ्घ बलात्कार गणे सरस्वती गच्छे श्रीकुन्द कुन्दाचार्यान्वये श्री भट्टास्क जिनेन्द्र भूषण जी तत्पट्ट भट्टारक महेन्द्र भूषण जी तत्पट्ट भट्टारक राजेन्द्र भूषणजी वच्छिष्य पण्डित श्री बालजी।।
यह पहाबली पाठकगणों क समक्ष रखते हैं । मैं आशा