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* लॅबेच समाजका इतिहास * १६१ राजपूताने इतिहासके द्वि० खण्डमें ५१३ पेजमें ऊपरी टिप्पणमें लिखा है कि कई हमीर हुये इन हमीरका जन्म वि० सं० १३३६ में हुआ और मृत्यु १४२१ में हुई ये ही रणथम्भोरके हमीर हैं। ___(१) टिप्पण पेज० ५१३ राजपून चन्दाणा चोहानो की एक 'शाखा है। मुहणोत नेणसी ( नारायणासिंह) ने हमीरकी माता का नाम देवी लिखा है। उसको सोनगरे ( चोहान ) राजपुत्रकी पुत्री कहा है, मुहणोत नेणसोकी ख्यात ( पत्र ४ ) ( पृ० १११५
इस कथनसे हमारी बात सिद्ध होती है कि, राहपगुहिलवंशीय और उसमें भुवनसिंह भये फिर भुवनसिंह के पुत्रोंमें चन्द्रासे चन्दावत शाखा और चन्दावत शाखा और चन्दाने चोहान लिखे चाँहै चन्दावत और चन्दाने दो बात हो चन्दावत गुहिल और चन्दाने ( चोहान ) होंपर चण्ड और मोकल तो लाखा राणाके पुत्र थे गुहिल थे और चण्डको चड़ा नामसे कहा है। और चूड़ासे चड़ा समास और चडा समासको यादव लिखा है। तब हमारा अनुमान होता है कि, ये सब यदुवंशकी ही शाखा