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* श्री लँबेचू समाजका इतिहास *
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से विभाजित करने पर १९४०१७ हिन्दू, १९६६३ मुसलमान, १६३३ जैन, २०३ आर्य, १६५ ईसाई १५३ सिख तथा ८ पारसी हैं । हिन्दुओं में अहीरों की संख्या सबसे अधिक है ।
इसमें
परगना के रूप में इटावा का नाम अकबर के समय आता है जब इसमें ७ टप्पा थे जिनके नाम हवेली, सतौरा, इन्दवा, बाकीपुर, देहली, जाखन और करहल थे । इन्दवा जिसको अब कामैथ या बढ़पुरा कहते हैं । और सतौरा अब इस तहसील में सम्मिलित हैं। देहली; तथा करहल मैनपुरी जिले में सम्मिलित हो गये हैं
हवेली
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जाखन
जाखन इटावा तहसील का एक गाँव है । उत्तर में २६४६ अक्षांश तथा पूर्व में ७६५३ पर स्थित है। यह इटावा से १८ मील उत्तर पश्चिम है । १६०१ की गणना के अनुसार यहाँ की आबादी २२७५ थी जिनमें प्रमुख राजपूत हैं जो इधर-उधर गाँवों में फैले हैं इनमें नगला रामसुन्दर; नगला तौर प्रमुख हैं । इस प्राचीन नगर की स्थिति केवल एक बड़े खेड़ा से ज्ञात होती है जो सौ वर्ष