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१०८ * श्री लँबेचू समाजका इतिहास * राज्य था। और भदोरिया क्षत्रिय चन्दवार से आये। कालान्तर में चोहान कहलाने लगे। या अजमेर से आये अजमेर तथा गुजरात नागोर साम्हर ( वृन्दावती) बूंदी जालोर, नाड्डुलाई ( नारलाई ) आघाटपुरः चित्तौड़ उदय पुर मालवा; इन्दौर; हाड़ोदा (हरदा) ये सब तथा ईडरगढ़; बीजापुर तक सब चोहान क्षत्रियों से भरे पड़े थे। और अब भी भरे पड़े हैं। देवरा सोनगरा सब जगह चोहान राजपूत रहे । चोहान यदुवंशी क्षत्रिय जैन रहे हैं । चन्दवार के सब जैन थे। तो चन्दवार में राजा चन्द्रपाल लम्बेच थे। और राजा चन्द्रपाल ने चन्दवार बसाई और इन्हींके बंश के चन्दोरिया गोत्रवाले लम्बेच हुये और राम सिंह हारुल लमेच थे यह स्पष्ट ही है। इस भाष्कर १३ भाग में साफ लिखा है कि राजा चन्द्रपाल ने राज्य प्राप्त करने के बाद १०५३ में प्रतिष्टा कराई सो यातो इसमें भूल है कि ११५३ की जगह १०५३ लिखा है। इनके लेख से स्फटिक के चन्द्रप्रभ भगवान का सम्बत् हो तो सौ वर्ष पहिले से ही लम्बेच ( चोहानों ) का सिलसिला जमा हो और विश्वकोष में चन्द्रपाल के सम्बन्ध में लिखा है कि