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*भी बेचू समाजका इतिहास - राज्य नहीं रहा तो (प्राण यात्रा) जीविका तो किसी भांति करेंगे ही। व्यापार वृत्ति में लग गये तो बनिये कहने लगे पर जैन समाज अधिकतर क्षत्रिय है । खंडेलवाल भी खंडेला
और मालवा के चोहानों में हैं। और चोहान हैं सो योदब हैं और जैसवाल जैसलमेर के यादव क्षत्रिय हैं। परवार परमार वंश के या परमार के प्रतीहार वंश के ( खीची चोहानों में ) होने चाहिये । परवार खोज करें। पल्लीवाल राठोरों में से होने चाहिये । अग्रवाल तो अग्रोहा के क्षत्रिय सूचित हैं ही पर और ऊपर खोज करेंगे तो सब छप्पन करोड़ यादव वंश में से ही निकास निकलेगा। अब हम गजटियर में दिये हुये प्रदेशों से लम्बेचुओंका विशेष सम्बन्ध दिखाते हैं।
गूंज तहसील (इटावा) मुंज प्रसिद्ध स्थान राजा मूंज ने बसाया। राजा का नाम मूर्तध्वज इसका अपभ्रंश पूँज भया रेफ तथा तकार
और ध्ववर्णोका लोप कर मूंज रहा और इस मुंज तहसील से लम्बेचुओं का गोत्र मुंजवार गोत्र कहाया । इससे सूचित होता है कि राजा मुंज ( मूर्तध्वज ) लम्बेच वंश का होना