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* श्री लँबेचू समाजका इतिहास *
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बुर्जियाँ हैं और यह वृटिश सरकार को दे दिया गया पर तब से इसकी अवनति होने लगी । इसमें लगी गोली के चिह्न अब भी पाये जाते हैं ।
पहले यह एक शक्तिशाली स्थान था पर बाद में यह आधा एक नील के ब्या के हाथ बेच दिया गया जिसने यहां एक फैक्टरी स्थापित की । दक्षिणी भाग में थाना स्थापित कर दिया गया अब यह थाना नहीं रहा । वहाँ स्कूल की स्थापना की गई। आज कल नगर के कई मकान इसकी ईंटों से बने हैं । १८७२ में कुदरकोट की आबादी २५६७ थी १६०१ में यह केवल २२२७ रह गई। इसमें जुलाहों की संख्या अधिक है जो कपड़े बुनने का काम करते हैं ।
कुदरेल, तहसील भरथना
यह गाँव भरथना तहसील के उत्तर में २६५६ अक्षांश उत्तर तथा ७६२० अक्षांश पूर्व में स्थित है। यह इटावा से २४ मील तथा भरथना से १४ मील दूर - भरथना ऊसराहार सड़क पर स्थित है । १६०१ में यहाँ की आबादी ३१५० थी । इसमें अहीर अधिक हैं ।