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* श्री लँखेचू समाजका इतिहास * यह अन्तरवेद है इससे यहाँ वे पांच कुअर आये राय केवल सिंह इटावा आये जगराम मैनपुरी आये वलराम एटा आये राज सिंह जोग आये चन्द्रपाल चन्द्रवार ( चन्द्रपाट ) आये जद सब लॅवेचू वंश इनके साथ आये वि. सम्बत् ११५२ की सालमें जब प्रधान हाहुलीराव वादशाह सो मिले छप्पन लाख का राज इटावो लियो फेर यज्ञ प्रारंभ कियो गजरथ निकालो इटाबा का स्थान मन्दिर स्थापित करो प्रतिष्ठा करवाई संवत् १२७२ की साल में। फेर राजा केरलसिंह के पुत्र राणा रतनसिंह के प्रधान अजमत सिंह भये तिनके सोनी गोत्र की चन्दवार गांव की बेटी व्याही व्याह में पाँच लाख नो हजार ५०६००० रुपए लगाये इटावा गाँव से चन्दावार तक संवत् १३०७ की साल में फेर राजा सूरजसिंह सूर्यसिंह भये प्रधान मुकुटमणि को परियान की बेटी व्याही रपरीगाँव की। संवत् १३४३ की सालमें फेर राणा लक्ष्मीसिंह के प्रधान बलवीरसिंह को चन्दोरिया गोत्र की बेटी व्याही । चन्दवार गांव की संवत् १३८५ की साल में ब्याह भयो फेर राणा उडुमराव भये छोटे भाई उधरण देव, प्रधान लछोलसिंह