________________
www
८८ * श्री लँबेचू समाजका इतिहास *
दूसरी राजपूत जाति संगरों की है जिसका ओरैया तहसील में बोलबाला है। सेंगरों की उत्तपति के सम्बन्ध में कहा जाता है कि ये श्रृगि ऋषि की संतान हैं। एक किम्बदन्ती यह भी है कि कन्नोज के गहरवार राजपूत राजा जयचन्द की पुत्री देवकली के पुत्र सेंगर वंश के संस्थापक हैं। देवकली के नाम से औरैया अकबर के के शासन काल की कौन कहे ब्रिटिश शासन में भी विख्यात रहा। अकबर के शासन काल के कागजातों से पता चलता है कि वर्तमान जगम्मनपुर के राजा अकबर के समय में कनवाड़ खेड़ा के राजा कहलाते थे और कनवाड़ खेड़ा एक परगना था जालोन जिलेमें जगम्मनपुर से दो मील की दूरी पर ध्वस्त कनवाड़ खेड़ा आज भी अपने वैभवों को छिपाये हुये ध्वस्त अवस्था में पड़ा हुआ है। इटावे के सेंगर बंश के शासक भड़ेह के राजा और रुरु के राजा हैं।
भदौरिया राजपूतों के सम्बन्ध में बतलाया जाता है कि ये लोग आगरे से इटावा आये । मुगल शासकों की इन पर कृपा थी इस कारण परताप नेर और मैनपुरी के