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* श्री लँबेचू समाज का इतिहास #
मिलता है जो हम अगाड़ी लिखेगें और इटावा गजेटियर का लेख हम ज्यों का त्यों कुछ भाग उद्भित करते हैं ।
इटावा जिले का संक्षिप्त इतिहास ( इटावा गजेटियर से उद्घृत )
इटावा जिले का प्राचीन इतिहास अन्धकारपूर्ण है । परम्परागत विचारधारा के अनुसार कुछ लोग जमुना, चम्बल, द्वाबे में स्थितित चक्रनगर को महाभारत का एक चक्र बताते हैं यह अनुमान सन्देहपूर्ण है। आस-पास के बहुत से पुराने टीले जिन पर प्राचीन काल में प्रसिद्ध नगर और किले स्थिति थे अब भी बर्तमान है पर इनकी खोज नहीं हुई। कुदरकोट, मूख, और आसईखेड़ा इनमें अधिक प्रसिद्ध हैं । १२ वीं शताब्दी में राजपूतों ने जब मेवों तथा इस्माइली जाति को खदेड़ दिया तो वे इन्हीं इलाकों में जाकर बसे । अनुमान किया जाता है कि प्राचीन समय में यह इलाका सेंगर नदी के उत्तर में घने जंगलों से ढका था । दक्षिणी भागमें जंगलों से ढके कितने खन्दक थे जो अब भी इस क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ा रहे हैं।