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* लँबेचू समाजका इतिहास * ८५ ___ यहां के निवासियों के विषय में इतना ज्ञात है कि उनका सम्बन्ध मौर्य तथा गुप्तसम्राटों से था। ७ वी शताब्दी के आरम्भ में यह इलाका हर्षवर्द्धन के राज्य में था । हर्ष की मृत्यु (६४८ई०) के पश्चात् भारत में अशांति थी । कन्नौजमें ८ वीं शताब्दीमें जिस साम्राज्यकी स्थापना हुई वह १०१८ तक रहा बाद में महमूद गजनी ने इसका अन्त कर दिया। मुसलमानों के यहां से चले जाने के पश्चात् गहरवारों ने यहां राज्य स्थापित किया और यह जिला उनके आधीन था। कुदरकोट में एक ताम्र पत्र मिला है जो ११५४ में चन्द्रदेव के शासन काल में लिखा गया था। मूञ्ज और आसई खेड़ा के विषय में भिन्न-भिन्न मत है। कुछ लोगों का कहना है कि ये वे ही किले हैं जिन पर महमूद गजनी ने १०१८ में हमला किया था। वरन कुलचन्द का किला तथा मथुरा लेने के बाद सुल्तान कन्नौज की ओर बढ़ा और बहुत सम्भव है कि वह इसी जिले से होकर गुजरा हो । इसके बाद वह मूज की ओर बढ़ा। यहाँ के ब्रोमणों ने मुसलमानों का सामना किया पर जब उन्होंने अपने को असमर्थ पाया तो शस्त्र रख