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* श्री लँबेचू समाज का इतिहास * ७६ कानीगोह ने उधरणदेव को खिताव रावतकी दिवाई इटावा गाँव बैठे संवत् १४०५ की साल में। लछोलसिंह के पुत्र २ दो भये सहसमल रामसहाय इटावा गांव रहै रावत उधरणदेवके प्रधान वाहिते चकनगरको गये और सहसमल इटावा में राणा उडुमरावकी प्रधानगीरी करी उडुमराव के पुत्र राणा सुमेरसिंह ने इटावे में राज्य किया किलो कराओ संवत् १४१३ चोदहसे तेरह की साल में प्रधान सहसमलजी को बकेवरिया गोत्र की हंसमा गांव की बेटी व्याही संवत् १४१३ साल में राणा सुमेर सिंह के पुत्र संग्राम सिंह भये प्रधान जशवन्त सिंह भये सहसमलके पुत्र जशवन्त सिंह के संघई गोत्रकी जग्गीमल सिंहकी पुत्री व्याही संवत १४४५ में। फेर उनके राणा चक्रसेन भये प्रधान कमलापति को पोद्दार हंतिकांति गांव की शाहकरणमल की बेटी व्याही । संवत् १४६१ की साल में करणमल के बेटे खरग सिंह को चोधरी गोत्र की हंतिकांति गांव की पुत्री व्याही तिनके पुत्र मुकुलदेवके पुत्रीके पुत्र राजा विक्रमाजीतने गांव विक्रमपुर वसाया संवत् १५६५ की साल में प्रधान असकरण को वजाज गोत्र की दुगमई गांव की पुत्री ब्याही