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* श्री लँबेचू समाजका इतिहास *
कवित
आज भोगचन्द के दिपत संसार में
___ जैन की जुगति को अधिक लाजै नियम ओर धर्म को वृत्त पाले रहै
___सत्य की डाक दरवार बाजै आर और पार के शाह चर्चा करै
खेम चन्दवार पति अंविराज थान चन्दवार राउ यदुवंश के सहस
___दश जिन प्रतिष्ठा सुछाजै ॥१॥ चंदोरिया इटावा वाले सिरसागंज के
प्राणदास के गोरेलाल और उनके सदासुख और सदासुख के गोपाल और मूलचन्द गोपाल जाइमही व्याहे पचोलरों के। तिनके बेटा कल्याणमल, सुखवासीलाल, श्यामलाल, चोखेलाल, शिखरीप्रसाद ।
मूलचन्द व्याहे जैतपुर मूलचन्द वकेवरिया की बेटी व्याही। तिनके छेदीलाल, जानकीप्रसाद, वंशीधर । जानकी प्रसाद के बाबूराम, मुंशील ल, शिवचरणलाल । बाबुराम जेतपुर रामसहाय के न्याहे । तिनके बेटा कपूरचन्द