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* श्री लंबेचू समाजका इतिहास * ७३ रपरिया कचनाउर के झुन्नीलाल सराफ के लड़के मिठ्ठलाल की बेटी ब्याही तिनके उग्रसेन चन्द्रसेन एक छोटेलाल ।
जिनेश्वरदास को करहलके रपरिया भोजराज की बेटी ब्याही तिनके १ पुत्र । दूसरा व्याह ब्रजकिशोर रावत की बेटी ब्याही । जोहरीलाल को कचोरा के बजाज कुंजीलाल की बेटी व्याही । इनके ही कुटुम्ब में कुरावली में गंगाराम चंदोरिया तिनके २ बेटे २ बेटी। ___ अब हम चौथी वंशावली लिखते हैं जो पीछे से पटिया (पुरोहित लोगों से मिलो) पुरोहित लोग कलकत्ता आये थे उनकी बहियों में से लिखीलवेच ( लम्बकञ्चुक ) वंशावली वर्णन
(व चन्दोरियादि गोत्र वर्णन ) गोत्र विजयी कृष्ण प्रथम शौर्यपुर (सरी पुर) द्वितीय द्वारावती देशोत्र लमकाञ्चदेश प्रवत्त नाम यदुवंशी श्री नेमिनाथके बाड़ा में उत्पन्न भये । कृष्ण वंशी राजा लोमकर्ण हुए तिनही के नाम से ( लम्बकञ्चुक ) लम्बेचू कहाये