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आदर्श जीवन।
दादाकी यात्रा कर आना चाहता था; मगर आप लोंगोके आग्रहहीसे इधर ठहरा हुआहूँ। साधुमंडली यात्रा रनेके लिए उत्सुक है। मुझे उनका भी खयाल करना चाहिए। और अब तो इधर आचार्य महाराज और उपाध्यायजी महाराजका विहार होने वाला है, इसलिए अब आप लोगोंको मैं उनके आश्रयमें छोड़ कर जाता हूँ। तो भी मैं यह वचन देता हूँ कि, एक बार फिर पंजाब लौटकर आये बिना न रहूँगा । गुरु महाराजके लगाये हुए इस बगीचेको एक बार फिरसे आकर देगा।"
चौमासा समाप्त होने पर आप गुजरातमें जानेके लिए संवत् १९६४ के मगसर वदी १ बुधवारको अमृतसरसे विहारकर आप तरनतारन पधारे । संध्याके समय जब आप देवसी प्रतिक्रमण समाप्त करके बैठे ही थे कि घासीरामजी
और जुगलकिशोरजी नामके स्थानकवासी साधु आपके चरणोंमें आ गिरे और हाथ जोड़कर विनती करने लगे कि,"गुरु देव ! हमारा उद्धार कीजिए । हमारा जन्म निरर्थक जा रहा है । हमने आत्मकल्याणके लिए घर बार छोड़े हैं; मगर जिस स्थितिमें हम हैं उसमें रह कर, हमारा कल्याण नहीं होगा । हमने मूत्र सिद्धान्तोंका जितना ज्ञान प्राप्त किया है उतनेसे हमें यह विश्वास हो गया है कि, स्थानकवासियोंकी क्रिया शास्त्रानुकूल नहीं है; जैनशास्त्रोंके प्रतिकूल है। इसलिए आप अपने चरणोंमें स्थान देकर हमें सन्मार्ग पर चलाइए।"
आपने फ़ोयाः-" यह सत्य है कि, मनुष्य जन्म बार
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