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आदर्श जीवन ।
यज्ञ, परम पूज्य आचार्य महाराज श्रीमद् विजयवल्लभ सूरीश्वरजी नी पवित्र सेवामा निवेदन विशेष श्रीपंजाब समस्त श्रीसंघे आप पूज्यश्रीने संपूर्ण रीते योग्य एवी श्रीसूरि पदवी थी अलंकृत करेल छे ते योग्यज थयुं छे. तेने माटे हुँ मारो श्री संघ प्रत्ये हार्दिक आनंद जाहेर करूं छु ।
लि० आज्ञांकित सेवक
भोगीलालना सविनय वंदना.
(२६) सुरचंद० न० महेता.
व मीती मारगसरवद १ (गुजराती) १३२ भुलेश्वर रोड
शुक्रवार मुंबई नं. २
परम पूज्य पंच महाव्रत नाधारणहार छत्रीस गुणकरी वीराजमान श्री १००८ श्री आचार्य महाराज श्रीविजयवल्लभ मूरीश्वरजी तथा श्री उपाध्याय महाराज श्रीसोहनविजयजी महाराज तथा पंन्यासजी श्रीविद्याविजयजी गणी तथा महातपस्वीजी श्रीगुणविजयजी आदि ठाणा, जोग लाहोर, मुंबई थी श्रावक सुरचंद महेतानी वंदना १००८ वार चरण कमलमांअवधारशो जी. आप सर्वे साहबो सुखसातामां हेशीजा, अत्रे श्रीगुरुदेव महाराजनी कृपाथी कुशल मंगल वरते छे जी, आप साहेबने श्री आचार्य पदवी स्थापन थइ ते जाणी अति आनंद थयो छे, आप श्री दीर्घ आयुषी थाओ श्रीजैन शासननी उन्नति करता आव्या छो अने विशेष करो, लायक ने लायक - पदवी स्थापन थइ तेथी श्री संघमां घणो आनंद फेलाणो छ।
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