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(१३५) अख्तियार है। मेरे पास तो क्या जैन साधुमात्रके पास ऐसी सत्ता नहीं है जिसके बलसे आप पर किसो किसमका जोर या फर्ज डाला जा सके ? जैसा कि साँझवर्तमानमें सुलहके उत्सवमें शामिल नहीं होनेका करवीर पीठके जगद्गुरु श्रीशंकराचार्यका अपने अनुयायियोंको फर्मान जाहिर हुआ है। __ जैन गुरुओंको उपदेशका अधिकार है आदेशका नहीं । सज्जनो ! आपके पास प्रतिनिधित्व (Deligation) सूचक चिन्ह फूल हैं। मेरे पास रजोहरण धर्मध्वज है। आपके पास कागजका कटा हुआ टिकिट है मेरेपास कपड़ेका बना हुआ वेष है । आपको जैन कॅन्फरेंस-जैन महासभाके इस अधिवेशनके तीन दिनोंका प्रतिनिधित्व मिला है मुझे जैनशासनका हमेशाके लिये प्रतिनिधित्व मिला है।
आपको आमंत्रण पत्रिका द्वारा अपने अपने ग्राम-नगर संस्थाकी तरफसे अधिकार प्राप्त हुआ है । मुझे-प्रातः स्मरणीय मरहूम जैनाचार्य श्रीमद्विविजयानंदसरि श्रीआत्मारामजी महाराजके हस्तसे समस्त श्रीजैनसंघकी तरफसे अधिकार प्राप्त है । प्राप्त अधिकारको यथाशक्ति अमलमें लाना अपना कर्तव्य समझ कर ही इस समय मैं उद्यत हुआ हूँ।
कॉन्फरेंसकी आवश्यकता । सजनो ! ऐसी सभाओंकी कितनी आवश्यकता है सो आप सब जानते हैं । इस सभाके स्वागत कमेटीके प्रमुखने और सभाध्यक्षने अपने अपने वक्तव्यमें भली प्रकार जाहिर कर दिया
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