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आदर्श जीवन ।
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आचार्य थया छो ते बहुज खुशी नी वात छे. आप चिरकाल सुधी जीवो, शासन नी ध्वजा फरकावो.
मिति मागशर वद नोम रविवार. सेवक खीमचंद देवजी नी वंदना १००८ वार अवधारशो. पानाचंद प्रेमचंद नी वंदना १००८ वार स्वीकारशो.
(२४)
मुंबई
१९-२-१९२४. श्रीमद् महाराज श्री श्री श्री आचार्य श्री विजयवल्लभ सूरीश्वरजी तथा उपाध्यायजी श्री श्री सोहन विजयजी आदि ठाणा, मुंबइथी ली० सुश्रावक गुलाबचंद सोभागचंद तथा अमारा माताजी परसनबाई तथा सरस्वतीबेन विगेरेनी वंदना १००८ स्वीकारशोजी".....आप साहेब ने लाहोर ना संघे आचार्य पदवी आपी ते जाणी हमो घणाज खुशी थयाछीए. आपश्रीने हमोए तार को हतो ते मळयो हो । * ली.गुलाबचंद सोभागचंद ना १००८ वंदना स्वीकारशो
(२५)
मुंबई
मौन एकादशी वन्दे जिनवर्धमानम्. मूरि श्रीवल्लभमानंदम् वन्दे प्रातःस्मरणीय सर्वोत्कृष्ट सम* * इस पत्रमे तारका भेजना लिखा है परन्तु नहीं मालूम क्या कारण ? तार मिला नहीं है।
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