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(११०) की जा रही है। जो बड़ा हो वह पोषक । अपने अपने स्वरूपमें सब बड़े हैं । पाँच उँगलियों से किसे प्रधान कहा जाय ? जमानेके अनुसार यदि विचार नहीं करोगे तो जैसा अबतक चलता आ रहा है वैसा ही चलेगा । जिसके अधीन सारे क्षेत्र हैं उसे खोज निकालो। मेरी समझके अनुसार वह क्षेत्र श्रावक श्राविका हैं।
उनके रहनेस मन्दिर और प्रतिमा हैं। साधु साध्वियोंके पास कौनमा धन है जिससे वे मन्दिरादिकी रक्षा करेंगे? प्रतिष्ठा, जीर्णोद्धार आदिमें साधु क्या कर सकते हैं ? साधु साध्विया भी लो इन्हींमेंसे होती हैं । उपदेशके अतिरिक्त साधु साध्वियाँ
और क्या कर सकती हैं ? श्रावक श्राविकायें सब क्षेत्रोंका मूल हैं । जिसका मूल ढीला उसकी सब चीजें ढीली । यदि वे ढीले हैं तो पुष्ट होनेका प्रयत्न करें। एक राजाके चार लड़के थे। चारोंको उसने लोहा, चाँदी, सोना और रत्नोंकी खाने बाँट दीं । किसीने उस लोहेकी खान पाये हुये लड़केसे कहा, आपके पिताने अन्याय किया है क्योंकि यह समान विभाग नहीं कहा जा सकता। लड़केने कहा जिन खानोंको तुम श्रेष्ठ समझे हुये हो, बिना मेरे उनसे क्या काम निकलेगा ? जब तक कि मैं लोहे के हथियार रत्नोंकी खान खोदनेके लिये नहीं देऊँ ? इसी तरह श्रावक श्राविकारूप क्षेत्रके पुष्ट होने पर दूसरोंका काम चल सकता है। ___ सद्गृहस्थो ! समुद्रका पानी किसीके काममें नहीं आता, नदियोंसे हजारों प्राणियोंका गुजारा होता है । समुद्र तुल्य देव
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