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लोगोंकी खुशामद करनेका समय भी आ जाता है। और कभी झूठ भी बोलनेका प्रसंग आ पड़े तो आश्चर्य नहीं। इत्यादि रोकनेके लिये इस नियमकी जरूरत है। यदि सत्य कहा जावे तो ऐसी खटपटमें साधुओंको उत्तेजन देनेवाले श्रावक लोगही होते हैं । जो कभी श्रावक लोग ऐसी बातमें द्रव्य वगैरहकी -सहायताद्वारा मदद दे उत्तेजन न देखें तो ऐसी खटपटका कभी जन्म ही न होने पावे । इस लिये इस बातका श्रावकोंकोभी ख्याल करना चाहिये कि, देशकाल विरुद्ध दीक्षा देनेवाले साधुको मदद न करें।
प्रस्ताव चौबीसवाँ। नामदार शाहनशाह पंचमन्यौ की शीतल छायामें वीरक्षेत्र ( बड़ौदा ) जहाँ कि, श्रीमंत महाराजा सयाजीराव गायकवाड सरकार विराजते हैं उनके पवित्र राज्यमें धर्मोन्नति निमित्त यह सम्मेलन आनंदके साथ समाप्त हुआ है इस लिए यह सम्मेलन “परमात्मासे प्रार्थना करता है कि, उन्होंके इस पवित्र राज्यमें ऐसे धर्म कार्य हमेशाही निर्विघ्नतासे होते रहें और सर्वदा ऐसी ही शांति बनी रहे ।
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