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( १०६) सातक्षेत्रों में पोषक क्षेत्र कौन ?
( स्थान, लालबाग बंबई । ) " गृहस्थो ! विषयकी गम्भीरता का खयाल करनेसे स्खलना होनेका सम्भव है तथापि आप सज्जनोंसे मुझे आशा है कि उसे सुधार लेंगे।
जैन शास्त्रों में सात क्षेत्रोंके नाम ये हैं; साधु, साध्वी श्रावक, श्राविका, निनप्रतिमा, जिनमन्दिर और ज्ञान । कहीं कहीं यात्रा और प्रतिष्ठाको क्षेत्र कहा है । कहीं जीवदयाको भी; परन्तु पिछले क्षेत्रोंका समावेश पूर्वोक्त सात क्षेत्रोंमें हो जाता है । साधु और साध्वियोंका एक वर्ग है और उनका धर्म अणगार धर्म कहलाता है। श्रावक और श्राविकाओंका एक वर्ग है और उनका धर्म सागार धर्म कहलाता है। जैनशास्त्रमें एक संविग्न पक्ष भी कहा है । परन्तु उसका अन्तर्भाव साधुधर्ममें हो जाता है । पहले कहे हुये अणगार और सागार धर्मको सर्व विरति और देशविरति भी कहते हैं। साधु, साध्वी, श्रावक और श्राविका ये चार जीव क्षेत्र हैं। ये पुरुषार्थ करनेवाले हैं और अन्तिम तीन क्षेत्र अपने आप कुछ नहीं कर सकते किन्तु उक्त जीवक्षेत्रोंके सहायक हैं। इन चार जीवक्षेत्रोंको
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